1. Home
  2. खेती-बाड़ी

जनवरी में सरसों की ये टॉप 3 किस्में देंगी बंपर पैदावार, किसानों को होगा ज्यादा मुनाफा

Mustard Farming: अगर आप किसान है और आप सरसों की ऐसी किस्मों की तलाश कर रहे हैं, जिनकी बुवाई जनवरी में कर सकें. ऐसे में (ICAR) द्वारा विकसित पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 31 (PDZ-1), पूसा मस्टर्ड 26 (NPJ 113) और पूसा मस्टर्ड 27 (EJ 17) सही विकल्प है. आगे जानिए इन किस्मों की खासियत.

KJ Staff
mustard
सरसों की टॉप 3 किस्में (Image Source- Freepik)

रबी सीजन में सरसों उत्तर भारत की प्रमुख तिलहनी फसल मानी जाती है. आमतौर पर सरसों की खेती अक्टूबर–नवंबर में की जाती है, लेकिन कई बार धान, मक्का, गन्ना या सब्जियों की देर से कटाई, मौसम की मार या बहुफसली प्रणाली के कारण किसान समय पर बुवाई नहीं कर पाते ऐसे में जनवरी के माह में किसान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 31 (PDZ-1), पूसा मस्टर्ड 26 (NPJ 113) और पूसा मस्टर्ड 27 (EJ 17) सरसों की इन किस्मों की खेती करते हैं, तो बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 31 (PDZ-1)

सरसों की यह किस्म पूसा डबल जीरो मस्टर्ड 31 को ICAR–भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा द्वारा विकसित किया गया है. यह किस्म “डबल जीरो” श्रेणी की है, यानी इसमें एरूसिक एसिड और ग्लूकोसिनोलेट्स की मात्रा बहुत कम होती है. किसान अगर सरसों की इस किस्म की खेती करते हैं, तो मात्र 115-120 दिनों के भीतर 18–20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज पा सकते हैं.

पूसा मस्टर्ड 26 (NPJ 113)

पूसा मस्टर्ड 26 एक और उन्नत किस्म है, जो जनवरी में बुवाई के लिए उपयुक्त मानी जाती है. साथ ही किसान भाई अगर सरसों की इस किस्म की पैदावार करते हैं, तो अच्छी आमदनी अर्जित कर सकते हैं, क्योंकि यह किस्म किसानों को केवल 110-115 दिनों में 17–19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज देने में सक्षम किस्म है. इसके अलावा इस किस्म में तेल की मात्रा अधिक होती है, जिससे बाजार में भी इसकी मांग बनी रहती है.

पूसा मस्टर्ड 27 (EJ 17)

पूसा मस्टर्ड 27 को भी देर से बुवाई के लिए उपयुक्त माना गया है. यह किस्म ठंडे मौसम में तेजी से बढ़ती है. अगर किसान जनवरी में बुवाई करते हैं, तो बढ़िया परिणाम मिलते हैं. इसकी अवधि अपेक्षाकृत कम है और यह लगभग 105–110 दिनों में पक जाती है. तेल की मात्रा 39-41 प्रतिशत तक बताई जाती है. साथ ही यह किस्म कुछ प्रमुख रोगों के प्रति सहनशील है, जिससे किसानों को फसल सुरक्षा पर कम खर्च करना पड़ता है.

किन राज्यों में देंगी ये किस्म ज्यादा पैदावार?

ICAR के अनुसार, ये तीनों किस्में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के उत्तरी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हैं. इन क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान तापमान और दिन की अवधि ऐसी होती है, जो देर से बोई गई सरसों की बढ़वार में मदद करती है.

वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसान समय पर सिंचाई, संतुलित उर्वरक और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान दें, तो जनवरी में बोई गई सरसों से भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

English Summary: Mustard Top 3 varieties give a bumper yield in January higher profits farmers Published on: 31 December 2025, 12:32 PM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News