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Millets: भारत में बाजरे का इतिहास, जानें कैसे और कब हुई इसकी खेती की शुरुआत

मोटे अनाजों में सबसे प्रमुख रूप में उत्पादित किया जाने वाला बाजरा आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में खाद्य पूर्ती के लिए चुना जाने वाला अनाज है. तो आइये जानें कि क्यों यह है इतना ज्यादा ख़ास.

प्रबोध अवस्थी
History of millet in India
History of millet in India

बाजरा आज से 50 साल पहले, भारत में सबसे व्यापक रूप से उगाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक था. कोरियाई प्रायद्वीप में बाजरा का इतिहास 3500-2000 ईसा पूर्व का है. भारत में, खाद्य इतिहास में बाजरा का उल्लेख सबसे पुराने यजुर्वेद ग्रंथों में मिलता है.

कई किस्मों में मिलता है बाजरा

भारत में अनाज के विकास के शुरुआती इतिहास में मुख्य रूप से लोकप्रिय तीन प्रकार के बाजरा की पहचान की गई है: फॉक्सटेल बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, और काली फिंगर बाजरा. इसके अलावा ज्वार, मोती, रागी, प्रोसो, कोदो सभी बाजरा की किस्में हैं. विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यंजनों में अनाज का अपना गौरवपूर्ण स्थान था, हालांकि बाद में इसकी शोभा कम हो गई और बाद में इसे घटिया, मोटे अनाज के रूप में माना जाने लगा – जो ज्यादा अच्छे खाने के स्वाद के लिए गिने जानें वाले व्यंजनों की लिस्ट से अलग कर दिया गया था.

बाजरा में पाए जानें वाले पोषक तत्व

Carbs

65-75%

Protein

7-12%

Dietary Fibre

15-20%

Fat

2-5%

Magnesium

10% of the daily value

Manganese

13% of the daily value

Phosphorous

8% of the daily value

Copper

17% of the daily value

History of millet in India
History of millet in India

लोगों ने क्यों बना ली इस खाद्यान्न से दूरी

कई अन्य आदतों की तरह, भारतीयों ने भी अपने भोजन की आदतों को पश्चिमी स्वाद के अनुसार बदल दिया. स्वदेशी खाद्य पदार्थ तेजी से छूट गए. अंततः बाजरा जैसे खाद्यान्नों की कीमत कम हो गई क्योंकि इसे गेहूं या चावल की तुलना में घटिया विकल्प माना गया. हरित क्रांति से पहले, बाजरा खेती किए गए अनाज का 40 प्रतिशत बनता था - जो चावल उत्पादन से अधिक योगदान देता था. 

यह भी जानें- खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए मोटा अनाज (मिल्लेट्स) का महत्व

मांग से साथ उत्पादन में भी आई गिरावट

पिछले कुछ वर्षों में, कृषि के साथ-साथ पर्यावरणीय परिणामों के कारण बाजरा उत्पादन में अनाज उत्पादन का 40 प्रतिशत हिस्सा घटकर लगभग 10 प्रतिशत रह गया है. चावल और गेहूं भारतीय भोजन बन गए हैं. हाल के वर्षों में भारत में धीरे-धीरे बाजरा-समर्थक आंदोलन शुरू हुआ. 

History of millet in India
History of millet in India

देश में बाजरा से सम्बंधित आकड़ें

एसोचैम के अनुसार, भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत में बाजरा लगभग 21 राज्यों में उगाया जाता है. राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में प्रमुख प्रोत्साहन है. भारत में, बाजरा की खेती 12.45 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है, जिससे 1247 किलोग्राम/हेक्टेयर की उपज के साथ 15.53 मिलियन टन का उत्पादन होता है. क्षेत्रफल (3.84 मिलियन हेक्टेयर) और उत्पादन (4.31 मिलियन मीट्रिक टन) के मामले में चावल, गेहूं और मक्का के बाद ज्वार भारत का चौथा सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न है. बाजरा (7.05 मिलियन हेक्टेयर) उत्पादन के लगभग बराबर प्रतिशत के साथ देश के बाजरा क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहा है. यह जानना दिलचस्प है कि, भारत बार्नयार्ड (99.9 प्रतिशत), फिंगर (53.3 प्रतिशत), कोडो (100 प्रतिशत) का शीर्ष उत्पादक है.

यह भी पढ़ें- पशुओं को बाजरा खिलाने के फायदे और नुकसान

हर परिस्थिति में देगा साथ

बाजरा आसानी से नष्ट नहीं होता है और कभी-कभी इसकी शेल्फ-लाइफ एक दशक से भी अधिक होती है. इसका पोषण स्तर ऊंचा है, जो भोजन की बर्बादी पर नियंत्रण रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बाजरा रेशेदार होता है,

इसमें मैग्नीशियम, नियासिन (विटामिन बी3) होता है, ग्लूटेन-मुक्त होता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है.  

English Summary: Millets History of millet in India know how and when its cultivation started Published on: 30 June 2023, 02:00 PM IST

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