देश के युवाओं का खेती और पशुपालन की तरफ तेजी से रुख बढ़ रहा है. ये गुजरात राज्य के पाटण तहसील के बोतरवाड़ा गांव के हरेश पटेल है,जो मैकेनिकल इंजीनियर है. लेकिन अब पशुपालन के जरिये हर महीने 70 रुपए महीने की कमाई कर रहे हैं. पशुपालन से पहले हरेश फेब्रिकेशन का काम किया करते थे. तो आईए जानते हैं हरेश पटेल की सफलता की कहानी-
घी के साथ धूप बत्तियों का निर्माण (Making incense sticks with ghee)
हरेश ने अपने बड़े भाई की सलाह के बाद गायों का पालन शुरू किया. आज उनके पास 44 गिर किस्म की गायें हैं. जिनसे वे दूध उत्पादन के साथ-साथ गोबर से धूप बत्तियां और गौ मूत्र से अर्क बनाते हैं. धूप बत्तियां इकोफ्रेंडली होती है जो अनेक फ्लेवर में मिल जाएगी. वहीं अपने खेतों के लिए गोबर खाद बनाते हैं जिससे रासायनिक खाद का खर्च बच जाता है. हरेश घी का निर्माण भी करते हैं जो बाजार में 17 सौ रुपए किलो बिकता है. जिससे उनकी सालाना 8 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है.
मुंबई में भी डिमांड (Demand in mumbai)
उनके घी की डिमांड सूरत, वडोदरा के अलावा मुंबई जैसे महानगर में भी होती है. वहीं हरेश सालभर में तकरीबन 12 हजार लीटर दूध का उत्पादन करते हैं, जिसे वे 70 रुपए प्रति लीटर के भाव में बेचते हैं. वे बताते हैं कि उनके घी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है इसलिए वे गायों की संख्या में इजाफा करेंगे. उनका लक्ष्य है कि वे करीब 100 गायों का पालन करें ताकि अपने ग्राहकों की पूर्ती कर सकें. हरेश को गुजरात सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ पशुपालक के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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खेती भी करते हैं
वहीं हरेश के पास 30 बीघा से अधिक जमीन है. इसलिए पशुपालन के साथ साथ वे खेती भी करते हैं. वे अपने खेतों में ऑर्गेनिक खेती करते हैं. इसके गायों से निकलने वाले गोबर का वो खाद बनाने में उपयोग करते हैं. इसके अलावा छाछ और गौमूत्र का उपयोग खेतों में कीटनाशक के रूप में करते हैं. ऑर्गेनिक खेती की वजह से उनकी उगाई फसलों की भी अच्छी मांग रहती है.
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