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रसायनों के बिना पौधों की बीमारियों का प्रबंधन कैसे करें? यहां जानें सरल और प्रभावी तरीके

किसानों के समक्ष सबसे बड़ी परेशानी बिना रसायनों के पौधे में लगने वाली बीमारियां हैं. इसके बचाव के लिए किसान कई तरह के उपाय अपनाते हैं. लेकिन फिर भी इन रोगों पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं. आज हम इन रोगों के लिए गैर पारंपरिक तरीके लेकर आए हैं, जो बेहद ही लाभकारी साबित हो सकते हैं.

डॉ एस के सिंह
बिना रसायन के पौधे (Image Source: Pinterest)
बिना रसायन के पौधे (Image Source: Pinterest)

गैर-पारंपरिक तरीकों के माध्यम से पौधों की बीमारियों के प्रबंधन में पारंपरिक रासायनिक उपचार के वैकल्पिक दृष्टिकोण शामिल हैं. यहां गैर-पारंपरिक तरीके बीमारियों को निम्नलिखित तरीके से प्रबंधित कर सकते है. आइए इन सरल तरीकों के बारे में नीचे दिए गए लेख में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं.

जैविक नियंत्रण

बहुत सारे लाभकारी जैव नियंत्रकों  यथा ट्राईकोडरमा की विभिन्न प्रजातियां, बैसिलस की विभिन्न प्रजीतियो के अतरिक्त इस समय बहुत सारे जैव नियंत्रकों की पहचान की जा चुकी है जिनके माध्यम से फसलों में बहुत बीमारियों को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया जाता है.

फसल चक्रण

रोगजनकों के जीवन चक्र को बाधित करने के लिए फसलों को चक्रित करें. लगातार मौसमों में अलग-अलग फसलें लगाने से बीमारी का दबाव कम हो जाता है.

सहयोगी फसलें लगाए

कुछ प्रजातियों को एक साथ रोपने से कीटों को रोका जा सकता है या मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है. उदाहरण के लिए, गेंदा नेमाटोड को रोकता है, और दलहनी फसलें मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिर करती हैं.

जैविक खेती के तरीके

जैविक उर्वरकों, खाद और जैविक-अनुमोदित कीटनाशकों का उपयोग करें जिनका पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है और लाभकारी जीवों के लिए कहानिकारक होते हैं.

प्रतिरोधी किस्में

रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए उगाई गई पौधों की किस्में चुनें. इन पौधों में विशिष्ट रोगजनकों के विरुद्ध प्राकृतिक सुरक्षा होती है.

जैविक अर्क

पौधों के प्राकृतिक अर्क या यौगिकों, जैसे नीम का तेल या लहसुन, का उपयोग करके भी बहुत सारी बीमारियों को प्रबंधित करते है.

जाल और बाधाएँ

बहुत सारे कीट विषाणुजनित बीमारियों को फैलाने में सहायक होते है इसलिए इन कीटों के प्रबंधन के लिए चिपचिपे जाल जैसे भौतिक जाल प्रयोग करें, या कीटों को पौधों तक पहुँचने से रोकने के लिए पंक्ति कवर जैसे अवरोधों का उपयोग करें.

जैव कवकनाशी

बीमारियों से निपटने के लिए सूक्ष्मजीवों या प्राकृतिक यौगिकों से प्राप्त गैर-रासायनिक उत्पादों को प्रयोग करके भी बहुत सारी बीमारियों  को प्रबंधित किया जा सकता है.

विभिन्न कृषि कार्य

रोग के विकास के लिए कम अनुकूल परिस्थितियाँ बनाने के लिए रोपण घनत्व, समय और दूरी को समायोजित करते है.

आनुवंशिक संशोधन

हालांकि विवादास्पद, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों को रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए इंजीनियर किया जा सकता है.

जैविक मृदा संशोधन

पौधों के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए खाद और कवर क्रॉपिंग जैसे कार्बनिक पदार्थों के साथ मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करें.

बायोस्टिमुलेंट

पौधों की शक्ति बढ़ाने और उनके प्राकृतिक रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए बायोस्टिमुलेंट का उपयोग करें.

एकीकृत रोग प्रबंधन (आईडीएम)

एक समग्र दृष्टिकोण लागू करें जो बीमारियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए विभिन्न गैर-पारंपरिक तरीकों को जोड़ती है. इन विधियों की प्रभावशीलता विशिष्ट पौधों की बीमारी और पर्यावरणीय स्थितियों के आधार पर भिन्न हो सकती है. एकीकृत दृष्टिकोण जो कई गैर-पारंपरिक तरीकों को जोड़ते हैं, अक्सर पर्यावरणीय प्रभावों को कम करते हुए रोग प्रबंधन में सर्वोत्तम परिणाम देते हैं.

English Summary: Manage plant diseases using non-traditional methods without using chemicals Published on: 30 August 2024, 02:18 PM IST

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