Seed Sowing Method: बीजों की बुवाई समान्यतः दो विधि से की जाती है. एक छिड़काव विधि और दूसरी निश्चित दूरी पर पंक्ति से पंक्ति पर बीज बुवाई विधि. बीजों की बुवाई पौधे की बढ़वार, बीज का आकार, बीज की मिट्टी में गहराई आदि पर निर्भर करता है. बुआई की अन्य बहुत सी विधियां है, जो फसल के स्वभाव और मौजूद परिस्थितियों पर निर्भर करती है.
ऐसे में आइए आज के इस लेख में हम बीज बुवाई की सही विधि के बारे में जानते हैं. ताकि किसान अपनी फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें.
छिड़काव विधि/Broadcasting Method
यह फसल बुआई की सबसे पुरानी विधि है. इसका फायदा यह है कि यह विधि आसान और कम समय वाली है. इस विधि में खेत को अच्छी तरह से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना दिया जाता है. उसके बाद हाथों से बीजों को खेत में छिड़का जाता है. इसके बाद हल्की जुताई कर बीजों को मिट्टी में मिलाकर पाटा चला दिया है.
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इस विधि के बहुत से फायदे और नुकसान है
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इस विधि में अधिक बीज की आवश्यकता होती है.
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जो बीज जमीन में निश्चित गहराई के नीचे चले जाते हैं उनका अंकुरण नहीं हो पाता. इसलिए ही अधिक बीज दर रखने की आवश्यकता पड़ती है.
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बीजों को छिड़क कर बोने से बीजों का वितरण समान रूप से नहीं हो पाता है. कहीं कहीं कम और कहीं कहीं ज्यादा बीज गिर जाते हैं.
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चूंकि फसल निश्चित दूरी पर नहीं होते अतः बहुत से कृषि कार्य जैसे निंदाई-गुड़ाई में नहीं हो पाती या बाधा होती है.
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इस विधि का प्रयोग करने के लिए अच्छा अनुभव चाहिए अन्यथा बीज खेत में ढंग से नहीं फैलते है.
कतार विधि/Row to Row method
यह विधि विभिन्न साधनों और कृषि यंत्रों जैसे- सीड ड्रिल, पैड़ी ड्रम सीडर, कल्टीवेटर आदि से की जाती है. छिड़काव विधि की जो भी दिक्कते आती है उनसे इस विधि से छुटकारा पाया जा सकता है. इस विधि में कतार से कतार की दूरी समान रखी जाती है जिसकी वजह से निराई-गुड़ाई आसानी होती है. इतना ही नहीं, इस विधि से खरपतवार भी कम पैदा होते है. यह विधि विभिन्न कृषि औजारों से की जाती है. गेहूं में जीरो टिलेज भी आजकल बहुत प्रचलित है. सीडड्रिल मशीन से निश्चित दूरी पर बीजों की बुवाई की जाती है.
डिबलिंग विधि/Dibbling Method
इस विधि में तैयार खेत मे बीजों को एक एक कर के बोया जाता है. विषेशरूप से यह विधि उन फसलों के बीजों की बुवाई के लिए काम में आती जिनके बीज या बीज सामग्री बड़ी आकार की होती है, जैसे: आलू, कपास, मक्का, गन्ना आदि.
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रोपाई विधि/Transplanting Method
यह विधि नर्सरी में पहले से तैयार पौधों को मुख्य खेत में लगाने के लिए उपयोग की जाती है. नर्सरी में छिड़काव या कतार विधि अपनाकर बीजों को उगाया जाता है. यह विधि धान, मिर्च, गोभी वर्गीय, टमाटर, बैगन आदि सब्जी वाली फसलों में अपनाई आती है, क्योंकि ये फसले नाजुक होती है जिन्हे नर्सरी में देखभाल कर मुख्य खेत में लगाया जाता है. रोपाई विधि में फसल को निश्चित क्रम या दूरी पर लगाया जा सकता है. जो पौधे बीच में उग नहीं पाते या नष्ट हो जाते है, इस विधि से पूर्ति की जा सकती है.
ट्रेंच विधि/Trench method
इस विधि में खेत तैयार करने के बाद ट्रेंच ओपनर की मदद से लगभग 1 फीट चौड़ी और लगभग 25-30 सेमी गहरी नाली बना लेते हैं. इसी ट्रेंच में खाद और उर्वरक मिलाकर बुवाई कर दी जाती है. यह विधि गन्ने में अपनाई जाती है.
ब्रोड बेड फैरो विधि/Broad Bed Furrow method
यह विधि सोयाबीन में अधिक अपनाई जाती है. इस विधि में चौड़े बेड तैयार कर इनमें बुवाई कर दी जाता है. इस विधि का लाभ यह है की अधिक वर्षा की स्थिति में जल निकास अच्छा होता है. इसमे नालियों की मदद से पानी खेत से निकल जाता है जिससे फसल को रोग औक कीट भी कम लगते हैं, और अधिक पानी से फसल खराब भी नहीं होती. इस विधि में फसल की जड़ों में अधिक पानी पहुंच पाता है.
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