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Paddy Varieties: यूपी के किसान अपने सिंचित और असिंचित खेतों में करें धान की इन उन्नत किस्मों की बुवाई, मिलेगा अच्छा उत्पादन !

किसानों के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समय धान की नर्सरी तैयार करने का है. देश में धान की खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना समेत कई राज्यों में होती है. मगर फिर भी कई किसान धान की उन्नत किस्मों की जानकारी नहीं रखते हैं. अक्सर किसान दुकानदार की सलाह पर बीज का चुनाव कर लेते हैं.

कंचन मौर्य
धान की खेती करने का तरीका
धान की खेती करने का तरीका

किसानों के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समय धान की नर्सरी तैयार करने का है. देश में धान की खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना समेत कई राज्यों में होती है. मगर फिर भी कई किसान धान की उन्नत किस्मों की जानकारी नहीं रखते हैं. अक्सर किसान दुकानदार की सलाह पर बीज का चुनाव कर लेते हैं. इससे किसानों की खेती में लागत ज्यादा लगती है, साथ ही फसल के उत्पादन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है.

सभी जानते हैं कि हर क्षेत्र का तापमान, जलवायु, मिट्टी अलग होती है. ऐसे में देश के हर क्षेत्र के लिए धान की अलग-अलग किस्मों को विकसित किया गया है. किसानों को अपने क्षेत्र के अनुसार ही धान की किस्मों का चुनाव करना चाहिए, ताकि उन्हें फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त हो सके.आज कृषि जागरण उत्तर प्रदेश के किसान भाईयों को उनके क्षेत्र की उन्नत किस्मों की जानकारी देने वाला है. किसान अपने क्षेत्र में इन किस्मों की बुवाई करके फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. आइए आपको हर क्षेत्र की उन्नत किस्मों के बारे में बताते हैं.

तराई क्षेत्र की उन्नत किस्में  (Advanced varieties of Terai region)

इन क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का बरेली, रामपुर, पीलीभीत, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, लखीमपुर  खीरी, बहराइच जिला शामिल है. अगर किसान असिंचित क्षेत्र में धान की खेती कर रहा है, तो नरेन्द्र-118,  नरेन्द्र-97, साकेत-4,  बरानी दीप, शुष्क सम्राट आदि किस्मों का चुनाव कर सकता है, अगर सिंचित क्षेत्रों की बात करें, तो किसान पूसा-169, नरेन्द्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022, नरेन्द्र धान-2065 किस्म का चुनाव कर सकता है. बता दें कि यह किस्म जल्द पक कर तैयार हो जाती हैं. अगर मध्यम पकने वाली किस्मों का चुनाव करना है, तो किसान पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेन्द्र-359, नरेन्द्र-2064 की बुवाई कर सकते हैं.  

पश्चिम मैदानी क्षेत्र की उन्नत किस्में (Advanced Varieties of Western Plains)

इन क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर शमिल हैं. किसान असिंचित क्षेत्र के लिए नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, शुष्क सम्राट, लालमनी किस्म का चुनाव कर सकता है. मगर सिंचित क्षेत्र के लिए मनहर, पूसा-169, नरेन्द्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022 किस्मों का चुनाव करना चाहिए.

मध्य पश्चिम क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में  (Advanced Varieties for the Middle West Region)

इस तरह के क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश का बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिला शमिल है. यहां किसान असिंचित क्षेत्र के लिए नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, साकेत-4, बरानी दीप, नरेन्द्र लालमती किस्म की बुवाई कर सकते हैं. 

इसके अलावा सिंचित क्षेत्र में जल्दी पकने वाली किस्म मनहर, पूसा-169, मालवीय धान-3022, बरानी दीप किस्म का चुनाव कर सकते हैं अगर मध्यम पकने वाली किस्मों का चुनाव करना है, तो पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52 धान-2064 किस्म की बुवाई कर सकते हैं.

दक्षिणी पश्चिमी अर्द्धशुष्क क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में  (Advanced Varieties for the Middle West Region)

इसमें उत्तर प्रदेश का आगरा और अलीगढ़ मण्डल शामिल है. इस मण्डल के सभी जिलों में किसान असिंचित क्षेत्र में साकेत-4, नरेन्द्र-97, बरानी दीप और सिंचित क्षेत्र में साकेत-4, पंत धान-12, मालवीय धान-3022, शुष्क सम्राट, धान-10, पंत धान-4, सरजू-52 किस्म का चुनाव कर सकते हैं.

मध्य मैदानी क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में (Advanced Varieties for Central Plains)

इसमें उत्तर प्रदेश का लखनऊ और कानपुर के अंतगर्त आने वाले सभी मंडलों के सभी जिले शामिल हैं. जहां किसान असिंचित क्षेत्र में नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र लालमती, शुष्क सम्राट और बरानी दीप किस्म की बुवाई कर सकते हैं. इसके अलावा सिंचित क्षेत्र में धान-4, पंत धान-12, मालवीय-35, नरेन्द्र लालमती, पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52 किस्म की बुवाई कर सकते हैं.

उत्तरी पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में  (Advanced Varieties for North Eastern Plains)

इसमें उत्तर प्रदेश का बहराइच, कुशीनगर, गोण्डा, बस्ती, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, संतकबीर नगर शामिल हैं. यहां किसान असिंचित क्षेत्र में नरेन्द्र-97, नरेन्द्र लालमती, शुष्क सम्राट और बरानी दीप किस्म से खेती कर सकते हैं. इसके अलावा सिंचित क्षेत्रों में जल्दी पकने वाली किस्में IR-36, नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-80, पंत धान-12 किस्म की बुवाई कर सकते हैं. अगर किसान मध्यम पकने वाली किस्मों का चुनाव करना चाहता है, तो नरेन्द्र-359, पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52 किस्म उपयुक्त रहेगी.  

पूर्व मैदानी क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में (Advanced Varieties for East Plains)

इसमें उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़, जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, चंदौली, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अमेठी,  मऊ,  बलिया, अम्बेडकर नगर और गाजीपुर जिला शमिल है. अगर किसान असिंचित क्षेत्र में धान की खेती करना चाहता है, तो बरानी दीप, साकेत-4 नरेन्द्र-97, नरेन्द्र-118, शुष्क सम्राट किस्म उपयुक्त रहेगी. अगर सिंचित क्षेत्रों में खेती करना है, तो धान की जल्दी पकने वाली किस्म IR-36, पंत धान-12, शुष्क सम्राट, नरेन्द्र-118, नरेन्द्र-97 किस्म की बुवाई कर सकते हैं.  

बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए उन्नत किस्में (Advanced varieties for Bundelkhand region)

लेख के अंत में झांसी और चित्रकूट मण्डलों के सभी किसानों को बता दें कि वह असिंचित क्षेत्र में साकेत-4 और शुष्क सम्राट किस्म का चुनाव करें. इसके साथ ही सिंचित क्षेत्रों के लिए नरेन्द्र-97, साकेत-4 और शुष्क सम्राट किस्म की चुनाव करें.

English Summary: Knowledge of advanced varieties of paddy of UP farmers Published on: 18 May 2020, 03:48 PM IST

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