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नीम से बने कीटनाशक से किसानों को मिलेगा डबल मुनाफा

रसायनिक खेती ना सिर्फ किसानों का नुकसान कर रही है, बल्कि इसका बुरा असर हमारी सेहत पर भी पड़ रहा है. इसलिए हम आपके लिए इस लेख में नीम से बने कीटनाशकों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं.

अनामिका प्रीतम
Neem made Insecticides
Neem made Insecticides

Neem made Organic Insecticides and Pesticides: किसान सबसे ज्यादा परेशान तब होते हैं, जब उनकी फसलों में कीट लग जाते हैं. ऐसे में किसान रासायनिक कीटनाशकों (chemical pesticides) का इस्तेमाल करते हैं.

रासायनिक कीटनाशक के दो बड़े नुकसान

इससे किसानों को फसलों से कीट हटाने में थोड़ी बहुत मदद तो मिल जाती है, लेकिन ये कीट उनकी मिट्टी की उर्वरक क्षमता को कम कर देते हैं. ये किसानों के लिए लंबे समय के लिए सही नहीं होता है, क्योंकि मिट्टी से उर्वरक क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है और जमीन बंजर बन जाती है, बंजर जमीन में किसानों के लिए खेती करना बेहद मुश्किल का काम होता है. इतना ही नहीं, रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से अनाज, सब्जी और फल हमारी सेहत पर भी बहुत बुरा असर डालते हैं.

सरकार दे रही जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा

ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को अपनी फसलों में जैविक कीटनाशकों (organic pesticides) का इस्तेमाल करना चाहिए. इसलिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार भी किसानों को अपने-अपने स्तर पर जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए जागरूक कर रही है.  

ये भी पढ़ें: नीम की पत्तियों या बीज को कीटनाशक के रूप में फसलों पर प्रयोग कैसे करें?

नीम के कीटनाशकों का करें इस्तेमाल

ऐसे में कृषि विशेषज्ञ किसानों को अपने खेत में नीम के पत्ते, नीम की खल्ली और नीम के तेल के इस्तेमाल से बने कीटनाशकों का प्रयोग करने की सलाह देते हैं. इसके इस्तेमाल से फसलों में कीट नहीं लगेंगे, जिससे फसलों का पैदावार कई गुना ज्यादा और शुद्ध होगा, ये शुद्ध अनाज हमारे सेहत के लिए बहुत लाभकारी होगा. 

नीम से जैविक कीटनाशक बनाने का तरीका

नीम से कीटनाशक बनाने के लिए सबसे पहले किसानों को नीम के पत्ते को ठंड जगह में सूखाकर रात भर पानी में डूबाकर रखना होगा. इस पानी को आप पौधों पर छिड़क दें. किसान चाहें, तो इस पानी के घोल को एक बार बनाकर इसका बार-बार भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए किसान भाईयों को बड़े बर्तन में पानी के साथ नीम की ढेर सारी पत्ती, निंबोली और छाछ मिलाकर तब तक रखना होगा, जब तक इसका रंग बदल नहीं जाता है. फिर इसका इस्तेमाल किसान अपने फसलों में कर सकते हैं. किसान और बेहतर परिणाम के लिए इस घोल में कुछ मात्रा में गोमूत्र और पीसा लहसुन भी मिला सकते हैं.

छेदक कीट और मधवा कीट से भी बचायेगा नीम

इसके अलावा बैंगन जैसे पौधों पर तना छेदक कीट बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में बैंगन के पौधों पर नीम के तेल का स्प्रे कर देना चाहिए. इससे कीटों का प्रकोप कम हो जाता है. इसी तरह आम के पौधों में मंजर को मधवा कीट हानि पहुंचाते हैं, इसलिए 8 से 10 गज के बीच में 2 फॉर फेरोमेन ट्रैप को रख दें, ताकि उसमें मधवा कीट आकर्षित होकर फंस जाए और मर जाए.

नीम कीटनाशक के इस्तेमाल से किसानों का खर्च होगा कम

एक अनुमान के मुताबिक,अगर किसान नीम से कीटनाशक तैयार करते हैं, तो उन्हें काफी लाभ मिलेगा. बता दें कि अगर किसान 1 हेक्टेयर खेत में रासायनिक कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, तो उनका कम से कम एक हजार रुपये खर्च होता है. अगर वो खुद घर में नीम के इस्तेमाल से कीटनाशक तैयार करते हैं तो इसका खर्च कम आयेगा, क्योंकि नीम आसानी से मिल जाता है. इसके इस्तेमाल से फसल का स्वास्थ्य भी खराब नहीं होगा. ऐसे में फसलों से उत्पादन का डबल होगा तय है.

English Summary: Know about Neem made Insecticides and Pesticides armers will get double profits by using them in the field Published on: 08 July 2022, 06:11 PM IST

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