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कृषि अनुसंधान ने तैयार की हैं मक्का की ये नई किस्में, कम लागत में देंगी ज्यादा मुनाफा, जरुर आजमाएं

अगर आप खेती-किसानी करते हैं तो ये लेख आपके लिए ही है क्योंकि इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा तैयार की गई मक्का की नई किस्मों के बारे में तो आइए जानते हैं.

देवेश शर्मा
ICAR has prepared these new varieties of maize
ICAR has prepared these new varieties of maize

भारतीय कृषि अनुसंधान(ICAR) के विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा ने बायो फोर्टिफाईड मक्का की नई किस्में जारी की हैं. ये किस्में मक्का की अन्य किस्मों से भिन्न हैं. मक्का की दूसरी किस्मों के बारे में अगर बात करें तो उनमें अमीनो अम्ल(amino acid) मुख्यतः ट्रिप्टोफैन व लाइसीन की कमी होती है लेकिन विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित पारंपरिक एवं सहायक चयन विधि द्वारा गुणवत्ता युक्त प्रोटीन वाली मक्का की इन किस्मों में विशिष्ट अमीनो अम्ल की मात्रा सामान्य मक्का से 30-40 प्रतिशत तक अधिक है इस किस्म में पोषण को अगर देखें तो यह लगभग दूध के बराबर है.

विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा द्वारा विकसित की गई एक क्यूपीएम प्रजाति को, केंद्रीय प्रजाति विमोचन समिति द्वारा उत्तर पश्चिमी तथा उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्रों के लिए और दो क्यू.पी.एम. प्रजातियों को, राज्य बीज विमोचन समिति द्वारा अप्रैल, 2022 में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की जैविक दशाओं को ध्यान में रखकर जारी किया गया था.

कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई प्रजातियां और इनका संक्षिप्त विवरण कुछ इस प्रकार है:

वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 45

मक्का की इस प्रजाति की पहचान अप्रैल 2022 में हुई थी. दरअसल, 65वीं वार्षिक मक्का कार्यशाला में उत्तर पश्चिमी पर्वतीय अंचल (जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड पर्वतीय) व उत्तर पूर्वी पर्वतीय क्षेत्र (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम व त्रिपुरा) के लिए इस प्रजाति को तैयार किया गया था.

उत्तरी पर्वतीय अंचल में वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 45 की औसत उपज 6,673 किग्रा/  है और इसमें ट्रिप्टोफैन, लाइसिन व प्रोटीन की मात्रा क्रमशः 0.70, 3.17 व 9.62 प्रतिशत है. साथ ही इस प्रजाति में टर्सिकम व मेडिस पर्ण झुलसा जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधकता भी है.

वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 61

यह एक अगेती यानी जल्दी तैयार होने वाली (85-90 दिन) प्रजाति है. राज्य-स्तरीय समन्वित परीक्षणों में इसकी औसत उपज 4,435 किग्रा/ है और इसमें ट्रिप्टोफैन, लाइसीन व प्रोटीन की मात्रा क्रमश: 0.76, 3.30 व 9.16 प्रतिशत है. साथ ही इस प्रजाति में टर्सिकम व मेडिस पर्ण झुलसा जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधकता भी है.

ये भी पढ़ें:मक्के की खेती से किसानों की आय में आयेगा उछाल, जानें कौन से बीजों का करें चुनाव

वीएल क्यूपीएम हाइब्रिड 63

इस प्रजाति को तैयार होने में 90-95 दिन का समय लगता है तथा राज्य-स्तरीय समन्वित परीक्षणों मे इसकी औसत उपज 4,675 किग्रा/ है, जो तुलनीय किस्म, विवेक क्यू.पी.एम. 9 (4,000 किग्रा/है.) से 16.9 प्रतिशत अधिक है. इस किस्म में ट्रिप्टोफैन, लाइसिन व प्रोटीन की मात्रा क्रमश: 0.72, 3.20 व 9.22 प्रतिशत है. साथ ही इस प्रजाति में टर्सिकम व मेडिस पर्ण झुलसा जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधकता भी है.

English Summary: ICAR has prepared these new varieties of maize Published on: 09 July 2022, 11:21 AM IST

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