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Kashi Shubhara: लौकी की इस उन्नत किस्म से 600 क्विंटल/हेक्टेयर मिलेगी उपज, जानें इसकी पहचान

Variety of Bottle Gourd: लौकी की उन्नत किस्म काशी शुभारा उन 109 किस्मों में से एक है जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा '100 दिन' पहल के तहत किसानों को समर्पित किया जाना है. लौकी की इस बेहतरीन किस्म को हाल ही में आईसीएआर के द्वारा विकसित किया गया है. लौकी की इस किस्म से किसान कम समय में प्रति हेक्टेयर 600 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

लोकेश निरवाल
लौकी की उन्नत किस्म (Image Source: Pinterest)
लौकी की उन्नत किस्म (Image Source: Pinterest)

Bottle Gourd Variety: सब्ज़ियों की खेती की जब बात आती है, तो सही किस्म के चयन करना किसानों के लिए बेहद जरूरी होता है. किसानों को खेती से अच्छी लाभ व अधिक पैदावार के लिए आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान नई-नई किस्मों की खोज करते रहते हैं. इसी क्रम में IIVR, वाराणसी, उत्तर प्रदेश ने हाल ही में लौकी की एक खुली परागण वाली किस्म काशी शुभरा को विकसित किया है. लौकी की यह किस्म उच्च उपज क्षमता और विभिन्न उत्पादन प्रणालियों के लिए उपयुक्त है.

बता दें कि काशी शुभारा/Kashi Shubhara उन 109 किस्मों में से एक है जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा '100 दिन' पहल के तहत किसानों को समर्पित किया जाना है. ऐसे में आइए लौकी की इस उन्नत किस्म के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...

लौकी की यह उन्नत किस्म कई सीजने के लिए बहुमुखी

लौकी की उन्नत किस्म काशी शुभरा एक ऐसी वैराएटी है, जो खरीफ, जायद और ऑफ-सीजन उत्पादन में खेती के लिए उपयुक्त होने के कारण किसानों को लचीलापन प्रदान करती है. यह अनुकूलनशीलता सुनिश्चित करती है कि किसान विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में इसके निरंतर प्रदर्शन का लाभ उठाते हुए, लगभग पूरे वर्ष इस किस्म को उगा सकते हैं. लौकी की इस किस्म की खासियत यह है कि यह ऑफ-सीजन उत्पादन की अनुमति देती है, जिससे किसान बाजार में आपूर्ति करने में सक्षम होते हैं जब अन्य किस्में उपलब्ध नहीं हो सकती हैं, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य मिलते हैं.

लौकी की उन्नत काशी शुभारा किस्म की पहचान

लौकी की काशी शुभारा किस्म के फलों की पहचान उनके हल्के हरे रंग, चिकने बेलनाकार आकार और मध्यम लंबाई से होती है, जो आमतौर पर 28 से 30 सेमी तक होती है. ये विशेषताएँ उन्हें न केवल देखने में आकर्षक बनाती हैं, बल्कि पैकेजिंग, लंबी दूरी के परिवहन और निर्यात के लिए भी अत्यधिक उपयुक्त बनाती हैं. लौकी की यह किस्म लंबे समय तक सुरक्षित रखी जा सकती है. ऐसे में यह उन किसानों और व्यापारियों के लिए एक लाभदायक साबित हो सकती है, जिन्हें लंबी दूरी तक उपज का परिवहन करने की आवश्यकता होती है.

काशी शुभरा किस्म से 600 क्विंटल/हेक्टेयर मिलेगी उपज

काशी शुभरा किस्म को खेत में लगाने के बाद किसान कम समय में अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं. क्योंकि यह किस्म प्रति हेक्टेयर 600 क्विंटल तक उत्पादन करने में सक्षम है, जो कई पारंपरिक किस्मों की तुलना में काफी अधिक है. काशी शुभरा किस्म को चुनकर किसान लौकी की अच्छी मात्रा और गुणवत्ता दोनों प्राप्त कर सकते हैं.

काशी शुभरा किस्म इन किसानों के लिए लाभकारी

काशी शुभारा किस्म उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब जैसे प्रमुख कृषि राज्यों के किसानों के लिए लाभदायक है. क्योंकि इन क्षेत्रों में यह किस्म स्थानीय बढ़ती परिस्थितियों के लिए अच्छी तरह से अनुकूल साबित हुई है. इन राज्यों के किसानों को कम समय में अच्छी उपज की फसल मिली है, जो विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर सकती है.

English Summary: Kashi Shubhara an improved variety of bottle gourd will yield up to 600 quintals per hectare Published on: 06 September 2024, 12:24 PM IST

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