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अक्टूबर माह में किसान निपटा लें खेती से जुड़े ये जरूरी काम

अगर किसानों को फसलों से अधिक उत्पादन चाहिए, तो उन्हें उन्नत तरीके से खेती करना चाहिए. इसके लिए बेहद ज़रूरी है कि किसान अपने खेतों में सही समय पर फसलों का सही प्रंबधन करें. इससे फसलों का अच्छा और ज्यादा उत्पादन प्राप्त होता है. इसके साथ ही किसानों को जानकारी होनी चाहिए कि किस माह में कौन-सा कृषि कार्य करना चाहिए

कंचन मौर्य
Farming
Agricultural Work

अगर किसानों को फसलों से अधिक उत्पादन चाहिए, तो उन्हें उन्नत तरीके से खेती करना चाहिए. इसके लिए बेहद ज़रूरी है कि किसान अपने खेतों में सही समय पर फसलों का सही प्रंबधन करें. इससे फसलों का अच्छा और ज्यादा उत्पादन प्राप्त होता है.

इसके साथ ही किसानों को जानकारी होनी चाहिए कि किस माह में कौन-सा कृषि कार्य करना चाहिए, क्योंकि मौसम फसलों को बहुत प्रभावित करता है, तभी तो रबी, खरीफ और जायद, तीनों सीजन में अलग-अलग फसलों की खेती की जाती है. आइए जानते है कि अक्टूबर माह में किसानों को कौन-सा कृषि कार्य करना चाहिए.

धान की खेती (Paddy Cultivation)

जिन किसानों ने अपने खेतों में धान की फसल पहले लगाई थी, उनकी फसल तैयार होने वाली है. मगर जिन किसानों की फसल अभी दुग्धावस्था में है, उन्हें ध्यान देने की जरूरत है. कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि धान की खेती करने वाले किसानों को इस सप्ताह में सावधानी बरतनी चाहिए.

धान की खेती में ध्यान रखने वाली बातें (Things to keep in mind in paddy cultivation)

  • धान में फूल खिलने और दुग्धावस्था में खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखना चाहिए.

  • जिन किसानों ने बीज के लिए धान की फसल लगाई है, उन्हें खेत से अतिरिक्त पौधों को हटा लेना चाहिए.

  • भूरा धब्बा और झोंका रोग की रोकथाम के लिए एडीफेनफास 50 प्रतिशत ई.सी. 500 मिली. प्रति हेक्टेयर 500 से 750 लीटर पानी में घोलकर छिड़क देना चाहिए.

गन्ना की खेती (Sugarcane Farming)

  • गन्ने की खेती करने वाले किसान देर से निकलने वाले जल किल्लों को निकाल दें.

  • जिन किसानों के खेत खाली हो गए हैं, साथ ही उसमें पर्याप्त नमी भी हो, तो उसे शीघ्र तैयार करें.

  • खेत की तैयारी करते समय जैविक खाद, कम्पोस्ट, गोबर की खाद या प्रेसमेड खाद का प्रयोग करें.

  • गन्ने की त्रिकोणीय बंधाई करें.

तिलहनी फसलों की खेती (cultivation of oil seed crops)

  • सरसों की खेती सिंचित क्षेत्रों में करने के लिए नरेन्द्र अगेती राई-4, उर्वशी, बसंती (पीली), नरेन्द्र स्वर्णा राई-8, रोहिणी, माया, नरेन्द्र राई (एन.डी.आर.-8501) आदि किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.

  • इसके अलावा असिंचित क्षेत्रों के लिए वरूणा (टी 59) और वैभव आदि किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.

आलू की खेती (Potato Cultivation)

  • आलू की बुवाई के 7 से 10 दिन पहले कोल्ड स्टोर से बीज आलू को बाहर निकाल लेना चाहिए.

  • अगर बीज में अंकुर निकल आए हैं, तो उनको छांटकर अलग कर देना चाहिए.

  • अगर कोल्ड स्टोर में भण्डारण करने से पहले बीज आलू को उपचारित नहीं किया है, तो उसे निकालकर छांटने के बाद कन्दों को बोरिक एसिड के 3 प्रतिशत घोल से 30 मिनट तक उपचारित कर लें. इसके बाद छायादार जगह में सुखा लें.

  • आलू की मुख्य फसल लेने के लिए 15 अक्टूबर तक खेत की तैयारी और बीज की व्यवस्था कर लें.

  • मुख्य फसल के लिए कुफरी बहार, कुफरी बादशाह, कुफरी आनन्द, कुफरी सतलज, कुफरी चिप्सोना-1, कुफरी चिप्सोना-3 आदि किस्मों की बुवाई कर सकते हैं.

English Summary: In October, farmers should complete agricultural work, so that more production of crops can be achieved Published on: 29 September 2020, 12:59 PM IST

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