भारत में इनदिनों मिलेट्स के उत्पादन और इसकी खपत को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा, साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इसके अंतर्गत देश की अलग-अलग संस्थानों के द्वारा मिलेट्स को लेकर कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. इन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि मोटे अनाजों की खपत में बढ़ोतरी हो सके और इसकी पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. वहीं खरीफ फसलों में श्री अन्न एक महत्वपूर्ण फसल है. इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा तो होती ही है और साथ ही देश के किसान कम वर्षा वाले स्थान से भी इसकी अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि श्री अन्न यानी मोटे अनाजों की उन्नत किस्मों और किसानों को इसकी खेती के प्रति जागरूक करने के लिए पूसा संस्थान (ICAR) में इसकी कई तरह के अलग-अलग किस्मों को लगाया गया है. तो आइए मिलेट्स की इन उन्नत किस्मों के बारे में जानते हैं-
पूसा संस्थान ने लगाई मिलेट्स की उन्नत किस्में
पूसा संस्थान (ICAR) के डॉ. सुमेर पाल सिंह के मुताबिक, लोगों व किसानों को मिलेट्स की अधिक से अधिक जानकारी मिल सकें और देश ही नहीं बल्कि विदेशों के बाजार में भी इसकी मांग अधिक बढ़ सके. इसी क्रम में पूसा संस्थान ने मिलेट्स की 9 किस्मों को लगाया हैं, जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं. बाजरा, ज्वार, रागी, Foxtail Millet, proso millet, barnyard millet, Littel millet, kodo millet और Browntop millet है.
मिलेट्स की उन्नत किस्में
बाजरा की दो किस्में- पूसा 1201 किस्म और दूसरी किस्म पूसा 1801
रागी की दो किस्में- CFMV-1 और GPU 28 किस्म
Sorghum की उन्नत किस्में- CSV15 किस्म और CSH 41 किस्म
Foxtail Millet की उन्नत किस्में- SiA 3085 और SiA 3156 किस्म
barnyard millet की उन्नत किस्में- DHBM 93-2 और DHBM 93-3 किस्म
Littel millet की उन्नत किस्में- O.L.M.203 और DHLM36-3 किस्म
kodo millet की उन्नत किस्में- J.K.41 और R.K 390-25 किस्म
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इसी प्रकार से पूसा संस्थान में Browntop millet की A.K.2 उन्नत किस्म लगाई गई है.
मिलेट्स की यह सभी किस्में किसानों को उनके खेतों में अच्छी उपज के साथ-साथ बाजार में अच्छा लाभ भी उपलब्ध करवाएंगी.
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