उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार जैविक विधि से खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में राज्य के वाराणसी जिले में पहली बार किसानों को जैविक विधि से औद्यानिक खेती (Horticulture farming) करने के लिए अनुदान दिया जायेगा. ऐसे में देखा जाए, तो अब वाराणसी जिले के किसान आसानी से जैविक तरीके से फल और सब्जी की खेती कर सकते हैं.
किसानों को मिलेगा प्रति हेक्टेयर 4 हजार रुपये
दरअसल, उद्यान विभाग वाराणसी जिले में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को 4 हजार रुपये सब्सिडी देने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए जिले में 40 हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए बागवानी किसानों के समूह को तैयार किया जायेगा, जो जैविक विधि से फल और सब्जी उगाने का काम करेंगे. इन किसानों को इसके तहत 3 साल तक प्रति हेक्टेयर की दर से 4 हजार रुपये सब्सिडी दी जायेगी.
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य जिले में जैविक तरीके से फल और सब्जी की खेती को बढ़ावा देना है, जिससे लोगों तक पोषक युक्त फल और सब्जी लोगों पहुंच सकेगा.
केंचुआ खाद तैयार करने के लिए मदद करेगी सरकार
जिले में जैविक विधि से औद्यानिक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों को केंचुआ खाद तैयार करने के लिए भी आर्थिक सहायता और इससे संबंधित जानकारी दी जाएगी. इसके तहत सबसे पहले किसानों से वर्मी कंपोस्ट बेड तैयार कराया जायेगा, जिसके लिए जिले भर से 40 किसानों को चुना जायेगा. इन किसानों को सरकार 10 हजार रुपये की लागत से तैयार होने वाले बेड पर 8 हजार रुपये की आर्थिक सहायता करेगा. साथ ही किसानों को अच्छी प्रजाति का केंचुआ भी प्रदान कराया जायेगा.
ये भी पढ़ें: फसलों में जैविक कीट नियंत्रण
वहीं पक्की वर्मी कंपोस्ट बेड लगाने के लिए 18 किसानों का चयन किया जायेगा. इन किसानों को 1 लाख रुपये की लागत से तैयार होने वाली पक्की वर्मी कंपोस्ट बेड के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जायेगी.
किसान कैसे लें इस योजना का लाभ?
जो भी किसान जैविक विधि से औद्यानिक खेती करना चाहते हैं, वो इस योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. किसान चाहें, तो जिले के कचहरी स्थित कंपनी बाग कार्यालय में जाकर भी इस योजना के लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं.
Share your comments