किसानों को खेती-बाड़ी करने के लिए सबसे जरूरी खेत की मिट्टी है. अगर खेत की मिट्टी सही नहीं है या उसमें किसी पोषक तत्वों की कमी है तो फिर फसल भी अच्छी नहीं मिलती है और इसका खामियाजा किसानों को नुकसान के तौर पर झेलना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि समय रहते किसान भाई खेती करने से पहले खेत में पोषक तत्वों की कमी का पता लगा लें. ऐसे में चलिए जानते हैं कि पोषक तत्वों की कमी के लक्षण क्या हैं.
खेत में पोषक तत्वों की कमी ऐसे पता करें
नाइट्रोजन की कमी के लक्षण
-
पौधों में भूखा रोग हो जाता है.
-
पत्तियां में V आकार की हरीमहीनता हो जाती हैं.
-
पौधे की निचली पत्तियां पीली पड़ जाती हैं.
फास्फोरस की कमी के लक्षण
-
पत्तियां हसीये आकार की हो जाती हैं.
-
पत्तियां पर बैंगनी (लाल परपल) रंग के धब्बे हो जाते हैं.
-
पत्तियों के पिछले भाग कांसे की तरह नजर आते हैं, फसल समय से पहले पक जाती है.
पोटाश की कमी के लक्षण
-
पत्तियां नीचे की और मुड़ जाती हैं.
-
पत्तियां पर मृत दाग दिखाई देते हैं.
-
शीर्ष जल जाता है व किनारा सूखकर टूटने लगता हैं.
केल्सियम की कमी के लक्षण
-
शीर्ष कलियां हुक की तरह नीचे लटक जाती हैं. तथा शीर्ष कलियां मर जाती हैं.
मैग्नीशियम की कमी के लक्षण
-
पत्तियों की शिराओं के बीच का भाग पीला हो जाता है. शिराएं हरी हो जाती हैं.
-
पत्तियों के किनारे पर मृत धब्बा दिखाई देता है.
सल्फर की कमी के लक्षण
-
पत्तियां छोटी रह जाती है.
-
सब्जियों की पत्तियां पीलापन लिए हरी और मोटी होकर दृढ़ हो जाती हैं.
जिंक की कमी के लक्षण
-
मध्य आयु की पत्तियों पर न्यूनता के लक्षण दिखाई देते हैं.
-
मूल शीर्ष में सरंचनात्मक विकृति हो जाती हैं.
-
नई पत्तियां के नीचे का भाग हल्का हरा व पीला होने के बाद में बादामी रंग का हो जाता है.
बोरोन की कमी के लक्षण
-
शीर्ष कलियों पर सर्वप्रथम कमी का लक्षण दिखाई देता है.
-
पत्तियों का मोटी होकर किनारा ऊपर की और मुड़ जाता है.
-
फल फट जाते हैं.
लोहे की कमी के लक्षण
-
पत्ती का शिरा भाग हरा व अन्य पीला पड़ जाता है.
-
पौधों में हरिमहीनता हो जाती है.
मैग्नीज की कमी के लक्षण
-
दो सिराओं के बीच का भाग पीला पड़ जाता है.
-
पत्तियां चितकबरी दिखाई देती हैं.
-
पति का शीर्ष भाग हरा व आधार भाग सूख जाता है
ये भी पढ़ेंः बागवानी: फल एवं फूल झड़ने की समस्या, कारण और प्रबंधन
Share your comments