1. Home
  2. खेती-बाड़ी

जुताई का खर्च कम और पैदावार बढ़ाने के लिए कैसे करें खेती?

खेतीबाड़ी में मिट्टी की बहुत अहमियत होती है, लेकिन आजकल किसान जिस तरह ट्रैक्टर या अन्य कृषि यंत्र से जुताई करते हैं, जिसके कई बार दुष्परिणाम भी सामने आते हैं. अक्सर किसान फसल बुवाई से पहले 2 से 3 बार खेत की जुताई करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना भूमि को बिना जोते भी फसलों की बुवाई कर सकते हैं.

कंचन मौर्य
Agriculture News
Agriculture News

खेतीबाड़ी में मिट्टी की बहुत अहमियत होती है, लेकिन आजकल किसान जिस तरह ट्रैक्टर या अन्य कृषि यंत्र से जुताई करते हैं, जिसके कई बार दुष्परिणाम भी सामने आते हैं. अक्सर किसान फसल बुवाई से पहले 2 से 3 बार खेत की जुताई करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना भूमि को बिना जोते भी फसलों की बुवाई कर सकते हैं.

अगर आप खेत की जुताई न करके फसलों की खेती करते हैं, तो इससे आपका खर्च भी बच जाएगा और फसल की उपज भी ज्यादा मिलेगी. मतलब किसान भाईयों को दोहरा लाभ मिलेगा. आइए आपको बिना जुताई की खेती करने का तरीका बताते हैं.

बिना जुताई के खेती (No-till farming)

जुताई रहित कृषि यानी बिना जुताई के खेती (No-till farming) एक ऐसा तरीका है, जिसमें भूमि को बिना जोते ही बार-बार कई वर्षों तक फसलें उगाई जाती है. यह कृषि की नई विधि है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिलता है. खास बात यह है कि इस विधि से किसान कोई भी फसल उगा सकते हैं. जैसे, चना, मक्का, धान आदि.

बिना जुताई के खेती के मुख्य सिद्धांत (Main principles of farming without tillage)

खेती की इस तकनीक से मुख्य तीन सिद्धांत हैं. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं-

पहली सिद्धांत खेत की जुताई न करें (Do not plow the field first principle)

सबसे पहले पहली जुताई के समय चीजलर का प्रयोग करना है, ताकि जो खेती में बनी लेयर तोड़ देगा और फिर आपको बिना जुताई के खेती वाली प्रक्रिया में आगे बढ़ना है. इसके बाद आपको खेत की मिट्ट को समतल बनाना है.

दूसरा सिद्धांत भूमि की सतह पर जीवांश अवशेष (Second principle fossil remains on the surface of the land)

इन्हें पहले हम कूड़े में ले जाते हैं और फिर खेत में लेकर आते हैं. इसमें लागत भी नहीं लगती है और समय की भी बचत होती है. इस कूड़े को जमीन की सतह पर रखना है. इसका लाभ यह है कि यह खेत में पानी का पर्याप्त मात्रा को बनाए रखता है. यह जीव-जन्तु के लिए खाद्य पदार्थ का काम करता है, जो कि डी कंपोस्ड करते हैं. इसके बाद यह खाद बन जाती है, जो खेत को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है. खास बात यह है यह खेत में खरपतवार भी नहीं लगने देता है. इससे फसल का उत्पादन अच्छा मिलता है.

तीसरा सिद्धांत फसल चक्र अपनाना (Adoption of third principle crop rotation)

इसका मतलब यह है कि एक फसल का उत्पादन लेने के बाद दूसरी फसल की बुवाई करना.

फसल की बुवाई (Sowing the crop)

किसानों के सामने एक समस्या खड़ी होती है कि आखिर इस तकनीक में फसल की बुवाई किस तरह की जाएगी. आजकल तमाम तरह के कृषि यंत्र उपलब्ध हैं, जिसकी मदद से किसान बुवाई करते हैं. मगर जरूरी नहीं है कि आप बड़ी मशीन से बुवाई करें, आप किसी छोटे कृषि यंत्र से भी बुवाई कर सकते हैं. 

बिना जुताई के खेती से लाभ (Benefits of farming without tillage)

  • समय और धन की बचत होती है.

  • भूमि का अपरदन बहुत कम होता है.

  • भूमि में नमी बनी रहती है.

  • भूमि के अन्दर और बाहर जैव-विविधता को क्षति नहीं होती है.

English Summary: farming techniques without ploughing in the field Published on: 30 June 2021, 05:06 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News