प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ती गर्मी के खतरे ने इंसानी जीवन को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है. यही कारण है की आए दिन लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार हो रहें है. दरअसल झारखंड के धनबाद में कालोनी भूली बस्ती और राजू हाड़ी जिले के किसान जैविक खाद से खेती कर रहे है. अब उनके खेतों को मृदा प्रदूषण से मुक्ति मिल चुकी है.
किसान राजू बताते है कि वह तीन एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे है. वे अपने खेत में वे आलू, मूली, साग, सरसों, प्याज के अलावा फूलों की खेती भी करते है. सब्जियों का स्वाद भी जैविक खाद के प्रयोग से बेहतर हो रहा है.
आधुनिक तकनीक का प्रयोग
किसान राजू बताते है कि वह अपने खेतों में फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ड्रिप एरिगेशन तकनीक के सहारे सिंचाई कर रहे है. इस विधि में पानी की खपत कम होती है. इसके तहत बूंद-बूंद पानी तकनीक का प्रयोग होता है. इस विधि में खेत में पाइप लाइन बिछाने के बाद मिट्टी को इस पाइप पर डाल देते है. इस तकनीक से पौधों की जड़ों में बूंद-बूंद पानी पहुंच जाता है.
सलाना 4 लाख आमदनी
सब्जियों की बिक्री से उनको साल में चार लाख की आमदनी हो जाती है. दरअसल जैविक खेती और उनकी सब्जियों की बाजार में काफी डिमांड रही है. किसान जल्द ही आने वाले दिनों में जैविक खेती को बढ़ाएगे.
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