कनाडा के टोंरटो शहर में मल्टी बागवानी को होता देख हरियाणा झज्जर जिले के गांव निवासी शमशेर ने नेशनल हाईवे 9 स्थित चुलियाना मोड पर बंजर जमीन खरीदी है. प्रयोग के तौर पर जमीन के 2 एकड़ भाग पर अनार, संतरा और चीकू की मल्टी बागवानी को शुरू किया है. उन्होंने बागवानी में रासायनिक खाद के बजाय गोबर के खाद का इस्तेमाल किया है. इसके लिए नर्सरी से 70 से 200 रूपए प्रति पौधा खरीद कर लगाया गया है. इनमें पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 फीट तक की रखी गई है. यह जो जमीन खाली पड़ी है, उस पर पालक, मेथी, अन्य तरह की सब्जियां उगाना शुरू कर दिया है. इसके लिए बागहवानी विशेषज्ञ से जांच करवाई गई है. पानी के लिए फव्वारा तकनीक का इस्तेमाल किया गया. जिससे पानी की खपत को कंट्रोल किया जा सके. हांलाकि शमशेर ने करीब 20 एकड़ जमीन एरिया में खरीद रखी है.
3 साल में फल देना शुरू कर देता अनार
यहां पर अनार की कई तरह की किस्में मिलती है, सिंदूरी अनार करीब 3 साल के अंदर ही उत्पादन देना शुरू कर देता है. अनार की अन्य किस्मों की बजाए सिंदूरी अनार टिकाऊ स्वादिष्ट और निर्यात करने योग्य होता है. साथ ही इसकी डिमांड भी ज्यादा होता है. अनार के पौधो में लवण व क्षारीयता सहन करने की क्षमता बेहद ही ज्यादा होती है, यही नहीं लवणीय पानी से सिंचाई करने पर भी उत्पादन बना रहता है.
कम लागत में चीकू दे रहा मुनाफा
चीकू का साइंटिफिक नाम वानस्पतिक है. इसकी खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली होती है. इसकी खेती महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड, तमिलनाडु में बड़े स्तर पर की जाती है. अब हरियाणा में भी इसकी तरफ रूझान बढ़ना शुरू हुआ है. इसमें कैल्शियम,फास्फोरस,आयरन, विटामिन ए, बी प्रयाप्त मात्रा में होता है. अधिक मात्रा में चीकू का सेवन शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है. 100 ग्राम तक ही चीकू का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए.
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