आलू और टमाटर के बाद फूलगोभी सबसे लोकप्रिय सब्जी है. इसका उपयोग सब्जी के अलावा सूप और अचार निर्माण में किया जाता है. आंकड़ों के लिहाज से भारत में हर साल 6 लाख 85 हजार टन फूल गोभी का उत्पादन होता है, वहीं तकरीबन 3 हजार हेक्टेयर रकबे पर इसकी खेती की जाती है.
फूलगोभी की अगेती खेती किसानों के लिए मुनाफे का धंधा है. ऐसे में आइये जानते हैं फूलगोभी की अगेती खेती कैसे करें और इसकी प्रमुख उन्नत किस्में कौन सी है.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए खेत की तैयारी (Field preparation for early cultivation of cauliflower)
बलुई दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली भूमि फूलगोभी की अगेती खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है. फूलगोभी की बुआई या रोपाई से पहले खेत को अच्छी तरह से पलेवा कर लें और इसके बाद दो बार मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें. गहरी जुताई के बाद कल्टीवेटर से जुताई करके और फिर पाटा लगाए.
फूलगोभी की अगेती किस्में (early varieties of cauliflower)
फूलगोभी की अगेती प्रजातियों में अर्ली कुवारी, पूसा दिपाली, अर्ली पटना, पंत गोभी-2, पंत गोभी-3, पटना अगेती, पूसा अर्ली सेन्थेटिकक, सेलेक्सन 327 तथा सेलेक्सन 328 आदि.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए पौधे कैसे तैयार करें (How to prepare plants for early cultivation of cauliflower)
खेत की तैयारी करने के बाद 0.75 मीटर चौड़ी, 15 से 20 सेंटीमीटर ऊँची और 5 से 10 मीटर लंबी क्यारियां तैयार करें. इस दौरान दो क्यारियों के बीच में लगभग 50 से 60 सेंटीमीटर चौड़ी नाली का निर्माण करना चाहिए ताकि पानी आसानी से दिया जा सकें. बिजाई से पहले हर क्यारी में 5 किलोग्राम यूरिया, 10 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश और 5 किलोग्राम गोबर खाद डालना चाहिए. बीज डालने के बाद गोबर खाद से बीज अच्छे से ढंक दें और फिर एक दो दिन बाद नालियों के जरिए पानी देना चाहिए.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए बीज बुवाई (Sowing seeds for early cultivation of cauliflower)
गोभी की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 450 से 500 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है. जिसे अनुशंसित दवाईयों से शोधित कर लेना चाहिए. बिजाई से पहले क्यारियों को भी अच्छी तरह से शोधित कर लेना चाहिए. बीजों से 30 दिनों में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए रोपाई (Planting for early cultivation of cauliflower)
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए मध्य जून से जुलाई के पहले सप्ताह में रोपाई करना चाहिए की जाती है. रोपाई के लिए लाइन से लाइन और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर रखना चाहिए.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए खाद एवं उर्वरक (Manure and fertilizers for early cultivation of cauliflower)
फूलगोभी की अच्छी पैदावार लेने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है. इसलिए प्रति हेक्टेयर 35 से 40 क्विंटल गोबर खाद देना चाहिए. वहीं लगभग एक क्विंटल नीम खली डालना चाहिए. पंद्रह दिनों बाद वर्मीवाश का उपयोग करें.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए सिंचाई (Irrigation for early cultivation of cauliflower)
यदि आप फूलगोभी की अगेती खेती कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि पौधों की रोपाई के तुरंत बाद ही पहली हल्की सिंचाई करना चाहिए. वहीं जब पौधे में फूल बन रहा हो उस समय मिट्टी में नमी कम नहीं होना चाहिए. जिससे फूल का बेहतर विकास होता है.
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए खरपतवार नियंत्रण (Weed control for early cultivation of cauliflower)
अधिक उत्पादन के लिए फसल की समय समय पर निराई गुड़ाई करना चाहिए. बता दें कि फूल गोभी उथली जड़ों वाली फसल होती है. इसलिए निराई गुड़ाई ज्यादा गहरी नहीं करना चाहिए. वहीं खरपतवार को निराई गुड़ाई के बाद खेत से बाहर निकाल देना चाहिए.
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