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Sabour Heera: किसानों की धरती उगलेगी 'हीरा', धान की नयी किस्म से होंगे मालामाल

धान की सबौर हीरा किस्म को बिहार के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. सबौर की यह किस्म एकदम हीरे की तरह चमकदार चावल प्रदान करती है जिसके चलते इसका नाम सबौर हीरा रखा गया है. यह किस्म न सिर्फ किसानों को मालामाल करेगी बल्कि स्वास्थ्य लाभ के भी उपयोगी है.

रुक्मणी चौरसिया
Paddy Cultivation in India (Sabour Heera)
Paddy Cultivation in India (Sabour Heera)

कृषि क्षेत्र में लगातार अपना लोहा मनवाने वाले भारत ने धान की नयी किस्म को खोज निकला है. किसानी में हर रोज ऐसे नए चमत्कार हो रहे हैं, जिससे लोगों के मुंह खुले के खुले ही रह जाते हैं और कुछ ऐसी ही एक खबर बिहार (Bihar) से भी आ रही है. जी हां, बिहार ने धान की सौबार हीरा किस्म (Soubar Hira Variety of Paddy) विकसित की है. यह किस्म किसानों को ना सिर्फ मालामाल करेगा, बल्कि उनको बेहतर उपज के साथ अच्छी गुणवत्ता वाली फसल भी प्रदान करेगा. 

सबौर हीरा धान (Sabour Hira Paddy Crop)

7 साल के लम्बे शोध और कड़ी मेहनत के बाद बिहार कृषि विश्वविद्यालय (Bihar Agricultural University) के वैज्ञानिकों ने धान की एक नई किस्म सबौर हीरा विकसित करने में सफल रही है. धान की नई किस्म विकसित करने वाले डुमरांव बक्सर के वीर कुंवर सिंह (Veer Kunwar Singh of Dumraon Buxar) है. बता दें कि यह नई किस्म बिहार की धरती पर पनपेगी और किसानों को समृद्ध बनाएगी. वहीं यह अन्य राज्यों में भी भेजी जाएगी ताकि दूसरी मिट्टी पर भी धन की यह क़िस्म हीरा उगल सकेगी. बता दें कि जल्द ही केंद्र सरकार बिहार समेत पांच राज्यों के लिए रिलीज करने जा रही है.

धान की सबौर हीरा किस्म की विशेषताएं (Features of Sabour Heera variety of paddy)

  • कृषि विश्विद्यालय के कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि यह किस्म सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है.

  • Sabour Heera में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन भी होगा.

  • बाढ़ वाले क्षेत्रों में यह 15 दिनों तक पानी में रहने के बाद भी बेहतर उपज देगा, जबकि कम सिंचाई में भी यह अच्छी उपज देगा.

  • इसके पौधे की ऊंचाई 110 से 115 सेमी होने के कारण पौधा हवा से नहीं गिरता है.

  • इसकी उपज नाटी मंसूरी की पिछली किस्म की तुलना में अधिक है.

  • उत्पादन 70 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है जो सामान्य धान से डेढ़ गुना अधिक है.

  • ऐसा कहा जा रहा है कि यह किस्म इम्युनिटी बढ़ाने और डाइबिटीज़ में मदद करेगी.

अन्य राज्यों में भी चल रहा इसका परीक्षण (Its trial going on in other states also)

धान की नई किस्म (New Variety of Paddy) ना सिर्फ बिहार के लिए बल्कि देशभर के किसानों के लिए भी उपयोगी है. विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाणे ने बताया कि इस वर्ष से इसके बीज किसानों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे. वहीं चार अन्य राज्यों (कर्नाटक, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना) में भी इस किस्म का सफल परीक्षण चल रहा है.

सबौर धान की किस्में (Sabour Paddy Varieties)

सबौर सुरभित (Sabour Aromatic)

यह 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज क्षमता वाले सुगंधित महीन अनाज वाले चावल होते हैं. यह सीमित सिंचित परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.

सबौर अर्धजल (Sabour Half Water)

यह लंबे पतले अनाज वाले एरोबिक चावल की किस्म है, जो द्वितीय उपज संभावित 50-55 क्विंटल उपज देती है. यह ऊपरी और मध्यम भूमि के लिए उपयुक्त होती है और लगभग 50% पानी की आवश्यकता बचाती है.

सबौर दीप (Sabour Deep)

यह 40 - 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज क्षमता के साथ जल्दी पकने वाले सुगंधित महीन अनाज वाले चावल की किस्म है.

सबौर श्री (Sabour Shri)

यह मध्यम पतले दाने वाली किस्म है, जिसकी द्वितीय उपज क्षमता 45 - 50 क्विंटल हेक्टेयर है.

वी. भागलपुर कतरनी (V. Bhagalpur Clippers)

यह अत्यधिक मांग वाली सुगंधित चावल की किस्म है जिसकी विशेष रूप से भागलपुर जिले के चयनित क्षेत्रों में उगाया जाता है.

सबौर हर्षित धन (Sabour Harshit)

यह लंबे पतले दाने वाली किस्म है जिसकी द्वितीय उपज क्षमता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

English Summary: 'Diamond' will grow on the land of farmers, farmers will be rich with new variety of Sabour Heera paddy Published on: 29 January 2022, 04:46 PM IST

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