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New Chilli Variety: वैज्ञानिकों ने विकसित की VPBC 535 मिर्च की किस्म, पैदावार क्षमता प्रति हेक्टेयर 140 क्विंटल

उत्तर प्रदेश में आईसीएआर के वैज्ञानिकों द्वारा एक खास किस्म विकसित की गई है, जिसकी उत्पादन क्षमता 140 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है. इसका इस्तेमाल खाने के साथ– साथ सौंदर्य में किया जाता है. जानें क्या है और खासियत.....

निशा थापा
वैज्ञानिकों ने विकसित की VPBC 535 मिर्च की किस्म, पैदावार क्षमता प्रति हेक्टेयर 140 क्विंटल
वैज्ञानिकों ने विकसित की VPBC 535 मिर्च की किस्म, पैदावार क्षमता प्रति हेक्टेयर 140 क्विंटल

कृषि वैज्ञानिक अपने शोध से कई नई प्रजाति व किस्म को विकसित करते रहते हैं. इसी कड़ी में हाल ही में उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित आईसीएआर (ICAR) भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा मिर्च की एक किस्म विकसित की गई है. इस खास किस्म से विकसित मिर्च को खाने के साथ-साथ इसका सौंदर्य सामग्री में इस्तेमाल किया जाता है.

मिर्च की इस खास किस्म का नाम वीपीबीसी 535 है. इसके साथ इसे काशी सिंदूरी के नाम से जाना जाता है. इसे उत्तर प्रदेश राज्य के जलवायु को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है. आज हम इस लेख के माध्यम से किसानों को वीपीबीसी 535 की जानकारी बताने जा रहे हैं.

वीपीबीसी 535 मिर्च की खासियत

  • वीपीबीसी 535 मिर्च में 15 फीसदी ओलेरोसिन पाया जाता है. इस मिर्च से सामान्य मिर्च की तुलना में अधिक उत्पादन मिलता है.

  • वीपीबीसी-535 मिर्च की खास बात यह कि इसे रबी सीजन और खरीफ दोनों सीजन में उगाया जा सकता है.

  • वीपीबीसी-535 मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यता होती है. यदि फसल के सभी मानकों को ध्यान में रखा जाए तो, इस किस्म से 150 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उत्पादन मिल सकता है.

  • इसके अलावा वीपीबीसी-535 मिर्च की किस्म में औषधीय गुण भी मौजूद हैं, जिससे खाने के रंग को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही ओलियोरेजिन गुण होने की वजह से सौंदर्य सामग्री भी बनाई जा सकती है.

मिर्च की बुवाई करने से पहले खेत की तैयारी

किसी भी फसल की बुवाई से पहले जरूरी है कि खेत को तो अच्छे से तैयार कर लें. ऐसे ही मिर्च की बुवाई से पहले खेत को तैयार करते वक्त 20 से 30 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की सड़ी हुई खाद का उपयोग करें.

मिर्च के खेत में खाद डालने के बाद मिर्च के बीज को बोया जाता है. बुवाई के 30 दिन बाद पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं. रोपाई करते हुए हर एक पौधें की दूरी 45 सेंटीमीटर की होनी चाहिए, तथा हर एक पंक्ति की दूरी 60 सेमी. होनी चाहिए.

पौधे विकसित होने के बाद देखा जा सकता है कि वीपीबीसी-535 किस्म के पौधे फैले होते हैं. यह एन्थ्रेक्नोज रोग के खिलाफ लड़ने की क्षमता रखता है. खास बात यह है कि बुवाई के मात्र 95 से 105 दिनों में मिर्च की यह किस्म पक कर तैयार हो जाती है. वीपीबीसी-535 मिर्च 10 से 12 सेंटीमीटर लंबे होते हैं और 1.3 सेंटीमीटर मोटे.

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मिर्च की वीपीबीसी-535 किस्म का उत्पादन व कीमत

वैज्ञानिकों के द्वारा उगाई गई इस मिर्च की औसत उपज क्षमता 130 से 140 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है. इस खास किस्म की कीमत सामान्य मिर्च की तुलना में 3 गुना अधिक हैं. देखा जाए तो सामान्य मिर्च  30 रुपए प्रति किलो की दर से मिल जाती है, तो वहीं वीपीबीसी-535 काशी सिंदूरी मिर्च 90 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती है. किसान यह खास किस्म का उत्पादन कर 1 से 1.5 लाख रुपए आसानी से कमा सकते हैं.

English Summary: Chili Variety: Scientists developed VPBC 535 variety of chilli, yield potential 140 quintals per hectare Published on: 16 November 2022, 11:02 AM IST

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