अपने स्वाद की वजह से शिमला मिर्च कई लोगों की फेवरेट होती है. यही नहीं शिमला मिर्च में कई पोषक तत्व भी होते हैं, जिनमें विटामिन-सी, विटामिन -ए के अलावा खनिज लवण जैसे आयरन, पोटेशियम, ज़िंक, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इस वजह से इसका सेवन करके कई बीमारियों से बचा जा सकता है. शिमला मिर्च की आज देशभर में मांग बढ़ती जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में शिमला मिर्च की खेती तक़रीबन 4780 हेक्टेयर में होती है, जिससे सालभर में 42230 टन पैदावार होती है.
बिना पॉलीहाउस के कैसे करें खेती
सामान्यता माना जाता है कि शिमला मिर्च की खेती बिना पॉलीहाउस के नहीं की जा सकती है. लेकिन देशभर में कई जगह किसान बिना पॉलीहाउस के भी खेती कर रहे हैं और साथ ही पैदावार ले रहे हैं. इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती है. जिसमें कार्बनिक तत्व होते हैं और जल निकासी भी सुलभ होती है. बिना पॉलीहाउस में उगाने पर मल्चिंग और ड्रिप तकनीक का उपयोग करें. इससे खरपतवार भी नहीं होगा और पानी का उपयोग भी कम से कम होगा.
कैसे तैयार करें खेत
शिमला मिर्च के पौधों की रोपाई से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लें. खेत की अंतिम जुताई के पहले गोबर की खाद खेत में फेंक दें. इसके बाद 90 सेंटीमीटर चौड़ी क्यारियाँ बनाएं. अब ड्रीप लाइन लगाने के बाद पौधों की रोपाई कर दें. बता दें कि एक क्यारी में पौधों की दो कतारें लगती है.
कौन सी किस्में
इसकी प्रमुख किस्में रॉयल वंडर, कैलिफोर्निया वंडर, येलो वंडर, भारत ग्रीन गोल्ड, अर्का गौरव, अर्का बसंत, अर्का मोहिनी, इन्द्रा, बॉम्बी समेत अनेक किस्में प्रचलित हैं. एक हेक्टेयर में शिमला मिर्च की सामान्य किस्म 700 से 800 ग्राम और हाइब्रिड शिमला 200 से 250 ग्राम लगती है.
कैसे करें पौधे तैयार
शिमला मिर्च का बीज काफी महंगा आता है. इसलिए इसे अच्छी तरह शोधन करके ही उपयोग में लें. बीज बोने के 30 से 35 दिन में शिमला मिर्च के पौधे तैयार हो जाते हैं. जिनकी लंबाई 16 से 20 सेंटीमीटर और 4 से 6 पत्तियां होती है. अब 90 सेंटीमीटर की क्यारियां तैयार कर लें जो कि ड्रिप लगने के बाद 45 सेंटीमीटर की हो जाती है. अब एक क्यारी में दो कतारों में शिमला मिर्च के पौधे लगाए. शिमला मिर्च के पौधे थोड़े बड़े होने के बाद सुतली या प्लास्टिक की रस्सी से ऊपर की ओर बांधना चाहिए.
प्रमुख रोग
अन्य सब्जियों की तरह शिमला मिर्च में भी कई तरह के रोगों का प्रकोप रहता है. जो इस प्रकार है- सफ़ेद मक्खी, इल्ली, तम्बाखू इल्ली, चेपा, थ्रिप्स, चूर्णी फफूंद, विल्ट, फल सड़न, झुलसा आदि का प्रकोप रहता है.
कमाई
एक एकड़ की शिमला मिर्च लगाने में 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है. वहीं आमदानी 4-5 लाख मिल जाते हैं. सामान्य तौर पर शिमला मिर्च बाजार में थोक भाव में 30 से 40 रुपये तक चली जाती है.
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