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पत्तागोभी की इस किस्म से किसानों की होगी मोटी कमाई, ICAR ने बताई खेती की विधि

Brussels Sprout: ब्रुसेल्स स्प्राउट सब्जी जो एक दम पत्ता गोभी की तरह दिखाई देती है. इस गोभी को कई जगहओं पर बेबी पत्ता गोभी के नाम से भी जाना जाता है. अगर आप इस गोभी की खेती करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो ऐसे में ICAR ने किसानों के लिए जरूरी सलाह जारी की है...

लोकेश निरवाल
ब्रुसेल्स स्प्राउट/Brussels Sprout (Image Source: Pinterest)
ब्रुसेल्स स्प्राउट/Brussels Sprout (Image Source: Pinterest)

Vegetable Farming:  सब्जियों की खेती आज के समय में किसानों के लिए काफी लाभकारी है. अगर किसान सब्जियों की खेती अपने खेत में उन्नत तकनीक व वैज्ञानिक विधि से करते हैं, तो वह कम समय में ही इससे अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. अगर आप भी बाजार में खेती से अच्छा लाभ पाना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए ऐसी बेहतरीन सब्जी की जानकारी लेकर आए हैं, जो एक दम पत्तागोभी की तरह दिखाई देती है. जिसका नाम ब्रुसेल्स स्प्राउट है. इस सब्जी को लेकर ICAR ने जरूरी सलाह जारी की है. ताकि किसान ब्रुसेल्स स्प्राउट/Brussels Sprout का अधिक उत्पादन प्राप्त कर सके.

बता दें कि इस गोभी को बेबी पत्तागोभी/Baby Cabbage के नाम से भी जाना जाता है. इस गोभी की कीमत बाजार में अन्य सब्जियों से कहीं अधिक है.

ब्रुसेल्स स्प्राउट के उत्पादन को लेकर ICAR की सलाह

  • यह गोभी वर्गीय सब्जी फसल/Cabbage Vegetable Crop है, इसके छोटे-छोटे शीर्ष बढ़ते तने के साथ निकलते है.

  • यह फसल मध्य व ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादन के लिए उपयुक्त है.

  • इसकी उन्नत किस्मों में हिल्ज आइडियल तथा रुबीने है.

  • खेती को तैयार करने के बाद गोबर की खाद, सुपर फॉस्फेट व पोटाश की पूरी मात्रा तथा यूरिया की एक तिहाई मात्रा खेत तैयार करते तथा शेष एक महीने बाद खेत में डालना चाहिए.

  • इस फसल की पहले नर्सरी तैयार की जाती है और इसके 4 से 5 सप्ताह के पौधे को तैयार खेत में रोपाई की जाती है.

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ब्रुसेल्स स्प्राउट की खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान

वैसे तो ब्रुसेल्स स्प्राउट सब्जी की खेती/Brussels Sprout Vegetable Cultivation हिमाचल प्रदेश, उत्तरी मैदानी इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के द्वारा खासतौर पर की जाती है. किसान इसकी अच्छी उपज  हल्की दोमट मिट्टी, बलुई दोमट और हल्की चिकनी मिट्टी में पा सकते हैं. अच्छी पैदावार पाने के लिए किसान को खेत में 2 से 3 बार कल्टीवेटर या फिर रोटावेटर/Cultivator or Rotavator की मदद से जुताई करनी चाहिए. इसके बाद किसान को मिट्टी को भुरभुरा बनाने के बाद पाटा लगाना चाहिए.

नोट: सब्जियों की खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप ICAR की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा आप कृषि जागरण की वेबसाइट से भी खेती-किसानी/Farming से जुड़ी सभी खबरें पा सकते हैं. 

English Summary: Cabbage Vegetable Crop Baby Cabbage farming ICAR advice in hindi Published on: 14 May 2024, 01:52 PM IST

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