अरबी की सब्जी काफी लजीज होती है और आमतौर पर कई लोगों की फेवरेट सब्जी होती है. साथ ही अरबी की सब्जी पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसके चलते है यह स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है. हालांकि इसकी फसल उगाना किसानों के लिए सिरदर्द का काम होता है क्योंकि इसमें कई तरह के रोग लग जाते हैं जो फसल को चौपट कर देते हैं. तो आईए जानते हैं अरबी की फसल में कौन से रोग या कीट लगते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है-
1. सूंडी कीट
अरबी की फसल में सूंडी कीट का प्रकोप बेहद खतरनाक होता है. यह पूरी फसल को बर्बाद कर सकता है. इसके प्रोन की साइज 16 मिलीमीटर से 18 मिलीमीटर की होती है, जो पतले और भूरे रंग के होते हैं. वहीं इसके पंखों का रंग कत्थई होता है, जिसपर वाइट रंग की लहरदार धारियां होती है. जबकि पिछले पंख पूरी तरह सफेद होते हैं. एक पूरी तरह विकसित सूंडी कीट की शरीर पीला, हरा और भूरा होता है, जिसके शरीर पर कहीं कहीं रोएं पाए जाते हैं. अरबी की फसल में जुलाई और अगस्त में माह में सूंडी कीट अपना असर छोड़ता है. बता दें कि सूंडी कीट के दोनों तरफ पीली धारियां होती है. धारियों पर एक काला नवचंद्रक पाया जाता है. जबकि इसके सिर और टांगों का रंग पूरी तरह से काला होता है.
कैसे करें बचाव-
-सूंडी कीट से बचाव के लिए खेत के चारों ओर नालियां बनाकर कीटनाशक पानी भर देना चाहिए. यदि कीट ने खेत में प्रवेश नहीं किया है तो फसल में नीम तेल और शैंपू का घोल हर 15 दिन के बाद छिड़कना चाहिए.
-अरबी की फसल में यदि कीट ने प्रवेश कर लिया है तो अनुशंसित कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.
2. पत्तियां और डंठल गलन
अरबी की फसल में दूसरी समस्या पत्तियों और डंठलों के गलने की आती है. यह समस्या बारिश शुरू होते ही आती है. वहीं पत्तियों पर भूरे और धूसर धब्बे पड़ने लगते हैं.
कैसे करें बचाव
-इस रोग से बचाव के लिए के लिए बीज को अनुशंसित कीटनाशक से शोधन करके ही बीज को बोना चाहिए. वहीं यदि रोग फसल में आ चुका है तो अनुशंसित दवा का छिड़काव करना चाहिए.
3.फाइटोप्थोरा
अरबी की फसल में लगने वाला यह भी एक मुख्य रोग है. इस रोग के लक्षण यह होते हैं कि पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं. यदि मौसम में नमी है तो इसका प्रभाव तीव्र हो जाता है. यह अरबी के कंद के लिए भी नुकसानदायक होता है.
बचाव कैसे करें
इसके लिए अनुशंसित कीटनाशक का छिड़काव तुरंत करना चाहिए.
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