आलू रबी का खास फसलों में से एक है और सर्दियों की शुरूआत होते ही किसान आलू की बुवाई में लग गए हैं लेकिन कभी-कभी मौसम किसानों का साथ नहीं देता. अगर बिन मौसम बारिश होने लगे और किसान ये सोचकर बुवाई से डरें कि फसल बर्बाद हो जाएगी तो इसका भी वैज्ञानिक तरीका है.
जब आलू की बुवाई के समय बारिश होने लगे तो वैज्ञानिकों की किसानों को क्या सलाह है विस्तार से जानते हैं.
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह (Agriculture scientists advice)
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू के बीज को दवा के घोल में भिगोकर रख दें. इसके बाद छायादार स्थान पर सुखाकर बुवाई के प्रयोग में लाएं. इससे आलू की फसल से बेहतर उत्पादन मिलेगा. वैसे भी आलू की खेती में काफी लागत लगती है, इसलिए आलू उत्पादक किसानों को थोड़ी सजगता बरतनी चाहिए. कभी-खबी बारिश होने की वजह से खेतों में भरपूर नमी आ जाती है. इससे निचले क्षेत्र के खेतों में पानी भरने से फसल बर्बाद होने का डर रहता है.
इस वजह से लगभग 3 से 4 दिन बाद ही आलू की बुवाई करना सही रहता है. बुवाई के लिए जो आलू है वो बर्बाद ना हो इससे बचने के लिए कई सावधानियां बरतने की जरूरत है. महंगे आलू की वजह से लागत प्रति हेक्टयर सवा से डेढ़ लाख रुपए लग रही है. ऐसे में किसानों को कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार ही बुवाई करना चाहिए, ताकि फसल से बेहतर उत्पादन भी प्राप्त हो सके.
आलू की उन्नत किस्मों की बुवाई (Sowing of improved varieties of potatoes)
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को आलू की खेती में उन्नत किस्मों की ही बुवाई करना चाहिए. अगर किसान आलू की कुफरी बादशाह, कुफरी अलंकार, कुफरी ज्योति, कुफरी बहार और कुफरी चंद्रमुखी की बुवाई करते हैं, तो इससे फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा. इसके अलावा सुगर र्फी आलू की खेती के लिए चिपसोना अच्छी किस्म साबित होगी.
आलू के खेती की तैयारी (Potato cultivation preparation)
किसान खेत तैयार करते समय मृदा परीक्षण ज़रूर कराएं. इसके बाद ही उवर्रकों का प्रयोग करें. इसके साथ ही खेती में जैविक खाद का अधिक उपयोग करें.
आलू के बीज का उपचार (Potato seed treatment)
इसके लिए 1 लीटर पानी में लगभग 2 ग्राम मेनकोजेब और 1 ग्राम कार्बेण्डाजिम के हिसाब से दवा का घोल तैयार कर लें. इसके बाद आलू की बीज को लगभग 5 मिनट तक भिगोकर रख दें.
अब बीज को अच्छी तरह सूखा लें. जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाए, तो बीज की बुवाई कर दें. इस तरह आलू उत्पादकों को फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा. ध्यान रहे कि आलू उत्पादक किसानों को खेती में सजगता बरतनी है,
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