हरियाणा सरकार ने वर्ष 2015-16 से राज्य में मछली उत्पादन बढ़ने को लेकर एक कार्यक्रम शुरू किया हुआ है l इस योजना के अंतर्गत उन किसानो को 50 % अनुदान देकर मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किआ जा रहा है जिनकी जमीन लवणीय या जिसमें जमीनी पानी का स्तर बहुत ऊपर है l हरियाणा में अभी 2200 हेक्टेयर लवणीय एवं डूब क्षेत्र वाली भूमि पर मछली पालन हो रहा है l
भारतीय सरकार अनुसार 1 हेक्टेयर में मछली पालन हेतु कुल खर्च 6 लाख आता है जिसमें तालाब निर्माण पर 5 लाख एवं 1 लाख के आवर्ती खर्चे दोनों सम्मिलित हैं l इस प्रकार हरियाणा सरकार प्रति लाभार्थी 3 लाख की राशि अनुदान के रूप में दे रही है l साल 2015-16 में यह योजना केवल 4 जिलों (मेवात, पलवल, जींद और सोनीपत) में लागू की गयी थी l
मछली पालन का वित्तीय विश्लेषण:
क्र.सं. |
विवरण |
मात्रा (प्रति हे.) |
रकम (रु.) |
मूल्यह्रास (%) |
मूल्यह्रास रकम(रु.) |
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आवर्ती खर्चे |
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1. |
पानी में हवा मिलाने की मशीन |
1 |
25,000 |
20 |
5,000 |
2. |
पानी एवं बिजली का खर्च |
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17,500 |
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3. |
चूना |
250 कि.ग्रा. |
1000 |
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4. |
मछली का बीज |
20,000 |
1500 |
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5. |
जैविक एवं अकार्बनिक उर्वरक |
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10,000 |
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6. |
अन्य पूरक आहार |
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10,000 |
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7. |
दवाई, मछली पकड़ना एवं जाल, चौकीदारी शेड एवं अन्य |
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30,000 |
16 |
5,000 |
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कुल |
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1,00,000 |
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10,000 |
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कुल आवर्ती खर्चे |
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1,10,000 |
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तालाब निर्माण |
1 हेक्टेयर |
5,00,000 |
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कुल खर्चे:
पहला साल (50 % अनुदान के बिना) : कुल आवर्ती + तालाब निर्माण = 6,00,000
(50 % अनुदान के साथ) : 6,00,000 x 50% = 3,00,000
आने वाले साल : कुल आवर्ती = 1,10,000
आमदनी:
मछली उत्पादन (प्रति हेक्टेयर) : 6,000 कि.ग्रा.
बाज़ार भाव : 70 रु. प्रति कि.ग्रा.
कुल आमदनी : 6,000 x 70 = 4,20,000
शुद्ध लाभ (पहला साल) : 4,20,000 – 3,00,000 = 1,20,000(50 % अनुदान के साथ)
शुद्ध लाभ (पहले साल बाद) : 4,20,000 – 1,10,000 = 3,10,000
इस प्रकार लाभार्थी किसान अपनी जमीन से पहले वर्ष 1.2 लाख एवं आने वाले वर्षों में 3.1 लाख की शुद्ध आमदनी प्रति वर्ष ले सकता है l ध्यान देने की चीज है मूल्यह्रास (इस्तेमाल की वजह से समान के मूल्य में आने वाली गिरावट) जिसका हिसाब रखना भी बहुत आवश्यक है l अनुदान राशि से अलग 3 लाख का खर्च किसान को खुद या किसी बैंक अथवा अन्य वित्तीय संसथान से सहायता ले कर प्राप्त कर सकता है l
कहाँ से लें जानकारी/ट्रेनिंग:
इस स्कीम की विस्तृत जानकारी लेने हेतु किसान जिला मत्स्य अधिकारी एवं मुख्या कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य किसान विकास एजेंसी/ जिला मत्स्य अधिकारी के कार्यालय से ले सकता है l अन्यथा जो किसान इन्टरनेट का इस्तेमाल करते है वह मत्स्य विभाग हरयाणा की वेबसाइट (http://harfish.gov.in/) से भीस्कीम सम्भंदी पूरी जानकारी ले सकते हैं l मछली पालन हेतु तकनीकी जानकारी तथा ट्रेनिंग ए.आर.टी.आई. हिसार अथवा हर जिले के मत्स्य विभाग में दी जाती है l ट्रेनिंग करने वाले किसानों को आर्थिक सहायत का भी प्रावधान हरियाणा सरकार द्वारा रखा गया है l
इस योजना के फायदे:
1. मछली उत्पादन बढ़ने से बच्चों में कुपोषण की रोकथाम में मददगार l
2. खराब पड़ी जमीन का उचित इस्तेमाल l
3. रोजगार पैदा करने की शमता l
4. रोजी रोटी कमाने के उपायों में इजाफा l
संजय, पीएचडी , कृषि अर्थशास्त्र विभाग, कृषि कॉलेज , संजय कुमार , जिला विस्तार विशेषज्ञ, करनाल, स्वामी एच्. एम., पीएचडी, कृषि अर्थशास्त्र विभाग, कृषि कॉलेज, चौधरी चरण सिंह हरयाणा कृषि विश्वविध्याल
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