एक किसान खेत मे कड़ी मेहनत करता है लेकिन उसको तब फायदा मिलता है जब उसकी मेहनत का सही फल मिल जाता है। हालांकि किसानों की समृद्धि में सरकारी तंत्र का एक बड़ा हाथ है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि सरकारी तंत्र किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं तैयार करती है। इस मे काफी समय भी लगता है। इन्ही योजनाओं के आधार पर किसानो को सरकारी लाभ मिलता है। ये सभी योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जाती है, हालांकि कुछ योजनाओं को राज्य सरकारों द्वारा भी शुरू किया जाता है। यह भी सत्य है कि किसानों को सभी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है क्योंकि ऐसी योजनाएं कागजों पर ही सीमित रह जाती हैं। किसानो को इनका सही लाभ मिल सके इसके लिए इस संस्करण मे कुछ ऐसी ही सरकारी कृषि योजनाओं पर प्रकाश डाला गया है।
भारत सरकार ने सत्ता में आते ही कई कृषि योजनाओं को लागू किया। इसमे कुछ मुख्य योजनाए राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदास्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, कृषि यांत्रिकीकरण और प्रौद्योगिकी योजना और बागवानी योजना आदि को शुरू किया। सरकार ने इन सभी योजनाओं के किसानो हित के लिए शुरू किया है। इन सभी योजनाओं को शुरुआत राष्ट्रीय स्तर पर साल 2014 से 2017 के मध्य मे हुई। जिसका आह्वान स्वय प्रधानमंत्री नरेद्र भाई मोदी ने किया। इसकी तर्ज पर राज्य सरकारों ने भी कई तरीके की नई कृषि योजनाएं लागू की। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना इन में अभी तक की सफल योजनाएं रही। हालांकि हकीकत मे कितने किसानो को इन योजनाओं का लाभ मिला है यह कहना थोडा मुश्किल है क्योंकि कई राज्यो मे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कई तरीके की खामियां देखने को मिली। किसी राज्य में किसानो को बीमें का पैसा नहीं मिला तो किसी राज्य मे कुछ अन्य समस्याएँ रही। इसी तरह कई राज्यो में किसानों को इन योजनाओ के विषय में पूरी जानकारी ही उपलब्ध नहीं है कि कहा और कैसे किसान इन योजनाओं का फायदा ले सकते हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यो मे तो किसानों को इनके विषय में थोड़ी जानकारी उपलब्ध है।लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यो में किसान इन योजनाओं से पूरी तरह वंचित हैं। उनको तो ये भी नहीं पता कि इस तरीके की कोई योजनायें सरकार द्वारा लागू है या नहीं। यदि ये योजनाएं किसानों के लिए है तो किसानों को इनका फायदा मिलना चाहिए।
किसानों इनके विषय में जागरूक करने के लिए सरकार कई तरीके अपना रही है। कृषि जागरण के माध्यम से किसानों को इन सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ मिल सके यही एक प्रयास है। यदि किसानो को इन योजनाओं का लाभ मिलेगा तभी देश की कृषि मे वृद्धि होगी और कागजों तक सिमटी सरकारी कृषि योजनाओं को जमीनी स्तर पर लेकर आना होगा तो ही किसानों को सही मायनो मे इनका लाभ मिलेगा। यदि सरकार को इन योजनाओं को किसानो तक पहुंचाना है तो सही माध्यम का चुनाव करना आवश्यक है...
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