
6 जुलाई 2025 को वर्डीशियन लाइफ साइंसेज द्वारा आयोजित तीसरा सालाना सीड एप्लाइड टेक्नोलॉजी (SAT) सम्मेलन राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित होटल पुलमैन में बड़े ही उत्साह और सफलता के साथ संपन्न हुआ. यह सम्मेलन बीज उपचार (Seed Treatment) और उन्नत कृषि पोषण (Advanced Agri-Nutrition) समाधानों में वर्डीशियन की अग्रणी भूमिका को और मजबूत करता है.
इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं क्लेयर डॉयल, जो वर्डीशियन लाइफ साइंसेज की ग्लोबल सीईओ हैं. उनके साथ सुधीर शिंदे (वाईस प्रेसिडेंट) और आर.के. गोयल (मैनेजिंग डायरेक्टर, भारत) की गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया.
इस सम्मेलन में देशभर से 25 से अधिक नामी बीज कंपनियों के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी और कृषि इनपुट उद्योग के विशेषज्ञ शामिल हुए. सभी ने SAT तकनीक और वर्डीशियन के नवीनतम समाधानों के बारे में अपनी रुचि और अनुभव साझा किए.
प्रमुख घोषणाएं और उपलब्धियां:
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वर्डीशियन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का सॉफ्ट लॉन्च किया गया, जिसका मुख्यालय पुणे, महाराष्ट्र में होगा. यह कदम वर्डीशियन की भारत में दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और निवेश को दर्शाता है.
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एक "इंस्टिट्यूशनल ट्रायल्स बुकलेट" जारी की गई, जिसमें वर्डीशियन की SAT तकनीक द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग फसलों पर किए गए सफल फील्ड परीक्षणों के परिणाम प्रकाशित किए गए हैं. यह पुस्तिका किसानों और बीज कंपनियों के लिए एक उपयोगी संदर्भ दस्तावेज बनकर उभरेगी.
वैश्विक दृष्टिकोण: सीईओ का संदेश
क्लेयर डॉयल ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्डीशियन का लक्ष्य भारतीय किसानों को वैज्ञानिक रूप से विकसित, उच्च गुणवत्ता वाली सीड एप्लाइड बायोस्टिमुलेंट तकनीकें उपलब्ध कराना है, जो न केवल फसल की उपज बढ़ाएं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी टिकाऊ हों. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत, वर्डीशियन की वैश्विक विकास रणनीति में एक महत्वपूर्ण और केंद्रबिंदु देश है. भारतीय कृषि क्षेत्र की विविधता, चुनौतियां और संभावनाएं कंपनी को यहां नवाचार के नए अवसर प्रदान करती हैं.

नेतृत्व के विचार और अनुभव:
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सुधीर शिंदे (उपाध्यक्ष) ने यूरोप के बीज बाजार की व्यापक जानकारी दी और बताया कि वहां की सफलताओं से भारत में किस तरह से सीख ली जा सकती है.
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आर.के. गोयल (मैनेजिंग डायरेक्टर, भारत) ने भारत में SAT तकनीक की मजबूत स्वीकृति को रेखांकित किया और कहा कि यह तकनीक अब कई प्रगतिशील बीज कंपनियों की पहली पसंद बन रही है.
उद्योग जगत की प्रतिक्रियाएं:
सम्मेलन में भाग लेने वाले अधिकांश उद्योग विशेषज्ञों और बीज कंपनियों ने SAT तकनीक को भविष्य की क्रांतिकारी तकनीक बताया. कई प्रतिनिधियों ने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए कि कैसे SAT तकनीक ने उनकी फसल की गुणवत्ता और उपज में स्पष्ट सुधार किया. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें अपने बीजों को बाज़ार में अलग पहचान दिलाने में मदद मिली है.
इसके अतिरिक्त, वर्डीशियन की अगली तकनीक Sterics Technology को लेकर भी काफी उत्सुकता दिखाई गई. यह तकनीक पोषक तत्वों की सुरक्षा और कुशल वितरण (efficient nutrient delivery) में एक बड़ा बदलाव ला सकती है.
SAT (सीड एप्लाइड टेक्नोलॉजी) क्या है?
SAT, यानी सीड एप्लाइड टेक्नोलॉजी, वर्डीशियन की एक अत्याधुनिक तकनीक है जो बायोस्टिमुलेंट्स को सीधे बीजों पर लगाया जाता है. यह तकनीक बीज को बेहतर शुरुआत देती है, पौधों को अधिक सहनशील बनाती है, और शुरू से ही फसल को अच्छी उत्पादकता देने में मदद करती है. यह विज्ञान पर आधारित टिकाऊ कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
वर्डीशियन लाइफ साइंसेज के बारे में:
वर्डीशियन लाइफ साइंसेज (यूएसए) एक वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनी है जो पौधों के स्वास्थ्य, पोषण और उर्वरक उपयोग की दक्षता बढ़ाने वाली तकनीकों का विकास करती है. इसका उद्देश्य है – कम संसाधनों में ज्यादा उत्पादन, वो भी सस्टेनेबिलिटी (टिकाऊपन) और कृषक लाभ को ध्यान में रखते हुए.
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