पंजाब की लाईवस्टॉक सोल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पिछले कईं वर्षों से अपनी उत्तम क्वालिटी की कैटल फीड के लिए जानी जाती है जो उच्च गुणवत्ता एवं उत्तम ग्राहक सेवा के लिए प्रतिबद्ध है. गायों एवं भैसों पर कम से कम खर्च करके ज्यादा से ज्यादा दूध लेने के उद्देश्य से लाईवस्टॉक सोल्युशन्स प्राईवेट लिमिटेड, पंजाब में सबसे ज्यादा असरदार और वैज्ञानिक ढंग से न्यूट्रीकाना पशु आहार का उत्पादन कर रहे हैं. आइए जानते हैं इसके उत्पादों के बारे में -
कॉफ स्टाटर क्रम्बंस ( कटड़ी/बछड़ी के लिए )
कॉफ स्टाटर क्रम्बंस - 15 दिनों से 60 दिनों तक.
कॉफ स्टाटर क्रम्बंस - 61 दिनों से 120 दिनों तक.
कॉफ स्टाटर क्रम्बंस एक खास किस्म की तकनीक द्वारा तैयार किया गया आहार है. जिसे भाप (स्टीम) देकर बनाया बनाया जाता है. इस तकनीक से आहार कीटाणु रहित हो जाता है एवं आसानी से हजम हो जाता है. नस्ल सुधार के तरीके अपनाकर कटड़ी, बछड़ी बहुत जल्दी बड़ी होती है. इस कारण इन्हें ज्यादा खुराकी तत्वों की जरुरत पड़ती है. इसलिए इनको दूध के साथ-साथ कॉफ स्टाटर क्रम्बंस देना चाहिए.
यह खाकर इनकी विकास दर अच्छी हो जाती है. एक तंदरुस्त कटड़ी/बछड़ी दो महीन की उम्र में लगभग 80 से 90 किलो तीन महीने की उम्र में 110 से 120 किलो और चार महीनों के अंत तक 150 से 160 किलो की हो जाती है. संतुलित आहार के कारण इनकी सेहत ठीक रहती है, बीमारियां कम लगती है एवं डेयरी किसान भाईयों को काफी लाभ होता है. इसलिए अपनी कटड़ी/बछड़ी का ज्यादा से ज्यादा वजन लेने के लिए हमेशा न्यूट्रीकाना का कॉफ स्टाटर क्रम्बंस ही इस्तेमाल करें.
हीफर मील पैलेट ( कटड़ी/बछड़ी के लिए )
हीफर मील पैलेट - 5 वे महीने से 12 वें महीने तक.
हीफर मील पैलेट - 13 वें महीने से ब्याहने तक.
जो कटड़ी/बछड़ी 5 महीने की उम्र की हो जाती है. उनका पेट पूरी तरह काम करना शुरु कर देता है. 5 से 22 महीने की उम्र तक एक गाय/भैंस की विकास दर 500-600 ग्राम प्रतिदिन होती है. इसलिए इस उम्र की गायों और भैसों को अच्छे हरे चारे के साथ-साथ एक ऐसा संतुलित आहार देना चाहिए जो इनकी विकास दर को कायम रख सके. न्यूट्रीकाना की बनी हुई हिफर मील पैलेट में यह सभी गुण मौजूद हैं. इसको भी एक किस्म की तकनीक द्वारा भाप देकर तैयार किया गया है. मक्की, तेल, सोया, बढ़िया चिलेटेड खनिजों एवं विटामिनों से बनी हीफर मील पैलेट बढ़ रही कटड़ी और बछड़ी की सारी खुराकी जरुरतों को पूरा करती है.
ड्राई फीड ( ड्राई पशुओं के लिए )
ड्राई फीड ब्याहन वाले पशुओं को ब्याहने के 60 दिन पहले से ढाई किलो प्रतिदिन की खुराक से शुरु करके हर सप्ताह बढ़ाते रहें एवं ब्याहने के 10 दिन पहले से इसकी मात्रा चार किलो कर दें.
विशेषताएं
पल रहे भ्रूण में वृद्धि ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि ।
ब्याहने में आसानी ।
मिल्क फीवर में कमी ।
तंदरुस्त पशु ।
बेहतर पाचन प्रक्रिया ।
पावर प्लस 60 डी
पावर प्लस 60 डी ब्याहने वाले पशुओं को ब्याहन से 10 दिन पहले और 50 दिन बाद तक देनी चाहिए. इसके लाभ हैं -
ज्यादा से ज्यादा दूध का उत्पादन ।
तंदरुस्त शरीर ।
ब्याहने के बाद की समस्याओं का कम होना ।
पाचन संबंधी समस्याओं का दूर होना ।
गूंगेपन की समस्याओं का पक्का ईलाज ।
मौसमी तनाव का कम होना ।
खिलाने की विधि
ब्याहने के 10 दिन पहले 3 किलो रोज़ाना .
ब्याहने के 30 दिन बाद तक 4 किलो रोजाना .
ब्याहने के 31 से 40 दिन तक 3 किलो रोजाना .
ब्याहने के 41 से 50 दिन तक 2 किलो रोजना .
नोट - पशु की कुल खुराक में से 60डी की खुराक को कम करके बाकी बनती खुराक देते रहें.
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