नोटबंदी और जीएसटी के झटके से उभरता दिख रहा है देश का एफमसीजी सेक्टर। खासकर थोक विक्रेता बाज़ार ने रफ्तार पकड़ी है। जो ग्रामीण क्षेत्र के लिए रीढ की हड्डी की तरह है। जीएसटी की वजह़ से कंपनिय़ों के अनैतिक मुनाफाखोरी में गिरावट आने से ग्राहकों को फायदा हुआ है। जिससे ग्राहकों की खरीदने की शक्ति बढ़ी है। जिसका सीधा फायदा एफमसीजी सेक्टर को पहुंचा है। जिससे इस सेक्टर में उछाल आई है।
इस तिमाही में यह सेक्टर 13.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है। एफमसीजी सेक्टर की 10 प्रमुख फर्मों में से 8 ने डबल डिजिटल वैल्यु ग्रोथ दर्ज की है। रत्ना भूषण और सागर मालवीय बता रहे है कि इससे 5 वर्षों तक रही सिंगल डिजिट ग्रोथ के बाद कंज्पमशन में दमदार रिवाइवल का संकेत मिल रहा है। डेयरी प्रॉडक्टस बनाने वाली अमूल ने इसकी अगुवाई की है। नोटबंदी के बाद लो-बेस,अच्छे मॉनसून,जीएसटी से मॉर्कट सेंटीमेंट में सुधार,कंज्यूमर प्रमोंशन बढाए जाने से ग्रोथ को रफ्तार मिली है।
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