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अनानास की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी, कीमतों में जबरदस्त उछाल, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे दाम

अनानास की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की अनानास की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच पहुंच गई है. कीमतें पिछले वर्ष के 48 रुपये की तुलना में 60 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं.

बृजेश चौहान
अनानास की कीमतों में जबरदस्त उछाल (Image Source: Freepik )
अनानास की कीमतों में जबरदस्त उछाल (Image Source: Freepik )

अनानास की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. देश भर में चुनावी सरगर्मियों के बीच किसानों को मुस्कुराने की एक वजह मिल गई है. दरअसल, देश में होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते अनानास की डिमांड में तेजी देखने को मिली है. जिसका असर अनानास की कीमतों पर साफ देखा जा सकता है. अनानास की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की अनानास की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच पहुंच गई है. कीमतें पिछले वर्ष के 48 रुपये की तुलना में 60 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं.

लोकसभा चुनाव और IPL के चलते बढ़ी मांग

अनानास की डिमांड खासकर तेलंगाना, महाराष्ट्र और देश के पश्चिमी हिस्सों में बढ़ी है. जहां, चुनाव प्रचार जोरों पर है. बिजनेस लाइन में छपी में एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाइनएप्पल ग्रोअर्स एसोसिएशन केरलम के अध्यक्ष बेबी जॉन ने कहा कि चिलचिलाती गर्मी में डिहाइड्रेशन और पानी की कमी से बचने के लिए तरबूज के साथ अनानास एक बेहतरीन कॉम्बो है. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के चलते अनानास की डिमांड में तेजी आई है. वहीं, मौजूदा आईपीएल सीजन के चलते भी अनानास की बिक्री बढ़ी है. ऐसे में कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है.

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, भारत में अनानास हर समारोह का एक अभिन्न अंग है. क्योंकि कैटरर्स व्यापक रूप से कई व्यंजनों में और जूस बनाने के लिए फल का उपयोग करते हैं. इस वजह से भी अनानास की मांग बढ़ी है." उन्होंने कहा कि वाजाकुलम को भारत में अनानास का सबसे बड़ा बाजार माना जाता है. जहां से जीआई टैग वाले फल को सभी दक्षिण भारतीय राज्यों और अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में पहुंचाया जाता है.

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उपज में 50% से अधिक की कमी

हालांकि, केरल में बढ़ते पारे के स्तर के कारण उत्पादन में गिरावट बढ़ती मांग को पूरा करने में कृषक समुदाय के लिए चिंता का विषय बन रही है. किसानों का कहना है कि पिछले साल के 2,000 टन की तुलना में इस बार उत्पादन 800 टन पर सिमट सकता है.

किसानों के मुताबिक, मौसम संबंधी समस्याओं के कारण बढ़ते तापमान के कारण पौधे सूख रहे हैं और ईस्टर, रमजान और विशु त्योहारों के दौरान उत्पन्न मांग के कारण बिक्री में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि उत्पादन में गिरावट के बीच त्योहारी सीजन में देश भर के बाजारों में मांग अभी भी जारी है.

English Summary: pineapple price reach record level due to Lok Sabha election 2024 and IPL Published on: 16 April 2024, 11:22 AM IST

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