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अनानास की 4 उन्नत किस्में और उनकी बढ़ती लोकप्रियता

अनानास की खेती अनेक प्रकार की जलवायु में आसानी से की जा सकती है. हालांकि, इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी होती है. इसके लिए 5 से 6 पीएच मान वाली पानी की पाइप लाइन को काफी अच्छा माना जाता है.

प्राची वत्स
Pineapple
Pineapple Variety

अनानास ब्राजील मूल का पौधा है. यह एक ऐसा फल है जिसको आप कभी भी ताजा काटकर खा सकते हैं. यह कई पोषक तत्वों से युक्त होता है, जो शरीर के अंदर मौजूद कई तरह के विष को बाहर निकालने  और हमारे शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता  है. इसका तना काफी ज्यादा छोटा होता है और इसकी गांठे काफी ज्यादा मजबूत.

अनानास का तना प्रायः पत्तियों से भरा हुआ होता है और यह पूरी तरह से गठीला होता है.  इस फल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है और यह शरीर को कई तरह की ऊर्जा भी प्रदान करता है.

अनानास की खेती

अनानास की खेती अनेक प्रकार की जलवायु में आसानी से की जा सकती है.  हालांकि, इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा अच्छी होती है. इसके लिए 5 से 6 पीएच मान वाली पानी की पाइप लाइन को काफी अच्छा माना जाता है. जीवांश बाहुल्य मृदा इसके लिए काफी बेहतर मानी गई है. इसकी खेती के लिए 15 से 33 डिग्री का तापमान बेहतर माना जाता है.

अगर देश की बात करें, तो हमारे यहां पर पश्चिमी समुद्री तटीय क्षेत्र और उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्रों में समुद्र तट से 1 हजार से 2 हजार फुट की ऊंचाई पर इसको उगाते हैं. हालांकि, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसकी उत्पादन कम होती है. पहाड़ी क्षेत्रों के अलावा, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा जगहों पर इसे आसानी से उगाया जाता है.

वैसे तो अनानास की खेती दुनियाभर में की जाती है. भारत में उगाए जाने वाले अनानास की अधिकांश व्यावसायिक किस्में केव, जायंट केव, क्वीन, मॉरीशस, जलधूप और लखट हैं. इन किस्मों में रानी, ​​विशाल केव/केव भारत के पूर्वोत्तर भागों में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है और फलों के रस निर्माताओं द्वारा पसंद की जाती है.

अनानास की कुछ बेहतरीन किस्में :

रानी: जैसा नाम वैसा काम. यह एक पुरानी किस्म है जो मुख्य रूप से भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में उगाई जाती है. यह भारत में अनानास की सबसे अधिक प्रसंस्करण योग्य किस्म है और इसका उपयोग टेबल किस्म के रूप में भी किया जाता है. रानी अनानास का फल सुनहरा, पीला, चमकदार और एक मीठी सुगंध वाला होता है. इन फलों की कटाई का सबसे अच्छा समय तब होता है, जब इनकी आंखें पीली हो जाती हैं. यह आमतौर पर मध्य मई से मध्य जुलाई तक होता है. यह एक ऐसा समय है जब आपको बाजार में ढेर सारे रानी अनानास मिलते हैं. 

इस अनानास का औसत वजन 600-800 ग्राम है. रस चमकीला पीला होता है. फल की टीएसएस (कुल घुलनशील ठोस) परिपक्वता अवस्था और मौसम के आधार पर 10 से 14 ब्रिक्स तक होती है. इसका pH 4.0 से 4.5 होता है. पानी की मात्रा 80% से 90% के बीच होती है. रानी अनानास में एक अनूठी सुगंध होती है जो इसे अन्य अनानास किस्मों से अलग बनाती है.

यह भी पढ़ेंअनानास की खेती की संपूर्ण जानकारी

केव: केव देर से पकने वाली किस्म है और भारत में अनानास की भारत की सबसे लोकप्रिय व्यावसायिक किस्म है. केव अनानस रीढ़ रहित और आकार में बड़ा होता है. फल का वजन 1.5 किलोग्राम से 3.0 किलोग्राम के बीच होता है. यह बहुत रसदार होता है. टीएसएस 8 से 12 ब्रिक्स होता है. रस हल्का पीला होता है. फल अत्यधिक सुगंधित होता है. यह किस्म डिब्बाबंदी के लिए सर्वोत्तम है. फल मुकुट की ओर थोड़ा सा टेपर के साथ तिरछा होता है और इसका वजन 2-3 किग्रा होता है. इसकी चौड़ी और उथली आंखें हैं जो इसे डिब्बाबंदी के लिए उपयुक्त बनाती हैं.  अनानास पूरी तरह से पकने पर पीला होता है और आंतरिक मांस हल्का पीला होता है. मांस रसदार और फाइबर रहित होता है जिसमें टीएसएस सामग्री 12-14 ब्रिक्स से भिन्न होती है. अम्लता सामग्री 0.6-1.2% के बीच है.

मॉरीशस: अनानास की यह किस्म केरल और मेघालय के कुछ हिस्सों में उगाई जाती है. अनानास की मॉरीशस किस्म को स्थानीय रूप से वज़ाकुलम किस्म के रूप में जाना जाता है. फल का आकर मध्यम और दो रंगों का होता है. एक लाल छिलका वाला और दूसरा गहरा पीला. लाल किस्म की तुलना में, पीला फल आयताकार, रेशेदार और मध्यम मिठास वाला होता है. यह देर से पकने वाली किस्म है जिसका आनंद आप जुलाई से अगस्त के बीच में उठा सकते हैं. अनानास की मॉरीशस किस्म मुख्य रूप से केरल में उगाई जाती है और घरेलू बाजारों में कच्चे और पके फलों के रूप में आपूर्ति की जाती है.

लखत और जलधूपी-ये स्थानीय किस्में हैं जिनका नाम उन स्थानों के नाम पर रखा गया है, जहां इनका उत्पादन किया जाता है. इन किस्मों की खेती टेबल और प्रसंस्करण दोनों उद्देश्यों के लिए की जाती है. दोनों किस्में अनानास की रानी किस्म की हैं,  हालांकि, ये रानी किस्म की तुलना में इसकी आकर छोटी होती है. जल धूप की मिठास और अम्लता एकदम संतुलित है. जल धूप की किस्मों में एक विशिष्ट मादक स्वाद होता है जो उन्हें अन्य रानी समूहों से अलग करता है.

English Summary: 4 Improved Varieties of Pineapple Published on: 08 October 2021, 04:33 PM IST

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