केंद्र सरकार चीनी उद्दोग को गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए बफर स्टाक करने की योजना बना रही है। यानिकि सरकार लगभग 30 लाख टन चीनी की सरकारी खरीद कर सकती है। आप को बता दें कि इस बार बंपर गन्ना उत्पादन के दौर में देश में चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। जिससे घरेलू बाजार में चीनी की कीमत गिर रही है और गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करने में चीनी उद्दोग मुश्किल का सामना कर रहा है।
यदि आंकड़ों की बात करें तो देश में इस बार लगभग 310 लाख टन से ज्यादा चीनी उत्पादन हुआ है और घरेलू बाजार में चीनी के भाव लगभग 26 रुपए प्रति किलो है जो कि लागत से कहीं कम है। इस बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि गन्ना किसानों के फायदे के लिए सरकार द्वारा प्रयास जारी रहेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार चीनी आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क जबकि निर्यात से शुल्क बिल्कुल समाप्त कर दिया जा चुका है।
बफर स्टाक के अंतर्गत सरकार चीनी मिलों को 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से भुगतान कर सकती है जिससे कि किसानों के बकाए का भुगतान करने में चीनी उद्दोग को राहत मिल सकती है। ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार ने गन्ना किसानों को सब्सिडी के तौर पर देने के लिए 5.50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से देने की घोषणा की है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन पहले ही कह चुका है कि वैश्विक स्तर पर चीनी के भाव गिर गए हैं। ऐसे में यहां की चीनी निर्यात करने में भी उद्दोग को फायदा नहीं है। ऐसे में उद्दोग के सामने मुश्किलें दोनों ही ओर से हैं एक तो चीनी के भाव में गिरावट और दूसरी ओर गन्ना किसानों का बकाया। हालांकि एसोसिएशन ने सरकार द्वारा किसानों को प्रति क्विंटल दी जाने वाली सब्सिडी को कुछ हद तक संतोषजनक जरूर बताया था लेकिन सरकार द्वारा इससे पहली मदद करार दी थी यानिकि समस्याओं के निराकरण के लिए अभी सरकार से मदद की गुहार है।
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