1. Home
  2. मौसम

25 सितम्बर को कहाँ होगी झमाझम बारिश और कहाँ रहेगा सूखा ?

कल तो मौसम ने अपना तांडव बरक़रार रखा और पहाड़ों में बारिश की वजह से लैंड स्लाइड और पहाड़ी नदियों में बाढ़ जैसी स्तिथि बन गयी थी. कुल्लू-मनाली में व्यास नदी में उफनती लहरों से किनारे टूट कर नदी में ही समाने लगे. किनारे खड़े वाहन भी लहरों की चपेट में आ गए . क्या यात्री बस या समान ले जाने वाले ट्रक सभी नदी की भेट चढ़ गए.

कल तो मौसम ने अपना तांडव बरक़रार रखा और पहाड़ों में बारिश की वजह से लैंड स्लाइड और पहाड़ी नदियों में बाढ़ जैसी स्तिथि बन गयी थी. कुल्लू-मनाली में व्यास नदी में उफनती लहरों से किनारे टूट कर नदी में ही समाने लगे. किनारे खड़े वाहन भी लहरों की चपेट में आ गए . क्या यात्री बस या समान ले जाने वाले ट्रक सभी नदी की भेट चढ़ गए. हरियाणा पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तराखंड पर पहुंचेगा और कमजोर होगा। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी कश्मीर से आगे निकल जाएगा। जिससे पहाड़ों पर मौसम का तांडव कम हो जाएगा। हालांकि इन दोनों सिस्टमों का कम से कम आज तक प्रभाव जारी रहेगा और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कुल्लू-मनाली, शिमला, धर्मशाला, नैनीताल, मसूरी, चंडीगढ़, मेरठ, बरेली सहित हिमालय के तराई क्षेत्रों के आसपास वाले शहरों में अच्छी बारिश जारी रह सकती है। बारिश भले कम हो जाएगी लेकिन कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन का ख़तरा अभी टला नहीं है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग सहित कई रास्ते आज भी अवरुद्ध हो सकते है।

हरियाणा, दक्षिणी पंजाब, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान के शहरों में भी मॉनसून की हलचल कम हो जाएगी। हालांकि सुबह तक बारिश के लिए मौसम अनुकूल है। दोपहर बाद हवाओं का रुख़ बदलकर पश्चिमी हो जाएगा। उत्तर भारत में आज मौसम सुहावना रहेगा।
इधर मध्य भारत में पहले से ही हवाएँ पश्चिमी दिशा से चलने लगी हैं। आज से मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के लगभग सभी भागों में शुष्क मौसम देखने को मिलेगा। हालांकि पश्चिमी तटों पर गोवा, रत्नागिरी, महाबलेश्वर और मुंबई सहित छत्तीसगढ़ के दक्षिणी शहरों कांकेर, बीजापुर, दांतेवाड़ा, बस्तर में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

बिहार और झारखंड सहित पूर्वी भारत के राज्यों में भी बारिश कम हो गई है। हालांकि छिटपुट वर्षा से इंकार नहीं कर सकते।

सितंबर में मॉनसून का प्रदर्शन पिछले दिनों काफी कमजोर हुआ, जब ऐसा लगने लगा कि अब यह देश के अधिकांश भागों से वापसी कर लेगा। लेकिन बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफ़ान और कश्मीर पर पहुंचे सक्रिय  पश्चिमी विक्षोभ ने जुलाई और अगस्त में हुई भीषण बारिश की याद ताज़ा कर दी। केरल में  बाढ़ का प्रकोप यदि कुछ कम हुआ है तो मध्यप्रदेश और उत्तरी भारत के कई हिस्से बारिश और उसके कहर से अछूते नहीं लग रहे. बारिश ने तो इस बार हद ही कर दी राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेश में भी बाढ़ जैसी स्तिथियाँ बनी और काफी नुक्सान उठाना पड़ा. किसान के खेत भी पानी में डूबे नजर आने लगे. खड़ी फसलें भी पूरी की पूरी बर्बाद हो गयी. किसान की मेहनत अलग से गयी पानी में और आर्थिक हानि भी उठानी पड़ी.

 साभार: skymetweather.com

English Summary: Where will Jhajjam rain on September 25 and where will it be dry? Published on: 25 September 2018, 05:09 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News