आज पूरे देश में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदलने की तैयारी कर ली है. मौसम विज्ञान विभाग ने 4 नवंबर की तारीख को 12 राज्यों में आंधी-तूफान और तेज बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और तापमान में तेज गिरावट का अंदेशा भी जताया गया है. मानसून भले ही समाप्त हो चुका हो, लेकिन कई इलाकों में वर्षा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. खासकर पूर्वोत्तर-भारत के राज्यों में आसमानी आफत लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकती है.
वहीं, दिल्ली-एनसीआर जैसे मुख्य महानगरों में सुबह-सुबह धुंध और प्रदूषण का स्तर भी चिंता का विषय बना हुआ है. ऐसे में आइए देशभर के मौसम का हाल जानते हैं-
12 राज्यों में मूसलाधार बारिश और तूफान का अलर्ट
मौसम विभाग ने आज के लिए एक विस्तृत अलर्ट जारी किया है जिसमें जिन 12 राज्यों का नाम शामिल है, वहां आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश के कारण गंभीर हालात बन सकते हैं. इन राज्यों में शामिल हैं - पश्चिमी भारत से गुजरात, महाराष्ट्र (मराठवाड़ा सहित) जहां 5 नवंबर तक आंधी-तूफान और तेज बारिश की संभावना जताई गई है. इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर भारत के राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी आज भारी बारिश के कारण खतरा बना हुआ है.
इसके ऊपर, पहाड़ी राज्यों जैसे जम्मू‑कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से गरज-चमक, तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) और कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश का खतरा है. ऐसे में वहां रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
दिल्ली-एनसीआर की स्थिति
दिल्ली-एनसीआर में अगले तीन-चार दिन मौसम आंशिक रूप से बादलों से घिरा रहेगा. देर रात और सुबह के वक्त हल्की कोहरा छाए रहने की संभावना है, वहीं प्रदूषण स्तर आने वाले समय में बढ़ने का डर है. विभाग ने अनुमान लगाया है कि कुछ स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 पार भी कर सकता है, जिससे अस्वस्थ लोगों को परेशानी हो सकती है.
बारिश का इंतजार है क्योंकि वर्षा-दूषित हवा को साफ़ करने में सहायक होती है. हालांकि फिलहाल ऐसा कोई स्पष्ट मौसम परिवर्तन नहीं दिख रहा है जो बारिश ला सके, इसलिए लोग धुंध-गहरे कोहरे और बढ़ते प्रदूषण से बचे रहने के उपाय कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम
उत्तर प्रदेश में अगले एक-दो दिनों के दौरान मौसम सामान्य बना रहने की संभावना है. हाल के समय में वहां अस्तित्व में रहे चक्रवाती तूफान चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का प्रभाव अब खत्म माना जा रहा है, जिससे बारिश का कोई तत्काल जोखिम सामने नहीं है. हालांकि सुबह के समय हल्की धुंध या कोहरा दिख सकता है.
4 नवंबर को प्रदेश के पश्चिमी तथा पूर्वी हिस्सों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है, और 5-6 नवंबर को भी स्थिति में कोई ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है. बच्चों, बुजुर्गों तथा जिन लोगों को श्वसन संबंधी परेशानी है- उन्हें सुबह-सुबह निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है.
उत्तराखंड में ठिठुरन और बर्फबारी की चेतावनी
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मौसम की सख्ती पहले से बढ़ चुकी है. यहां बर्फबारी और साथ-ही तापमान में गिरावट की संभावना है, जिससे ठिठुरन बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. 4 नवंबर की शाम को विशेष रूप से चमोली, बागेश्वर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, जो बर्फ में परिवर्तित हो सकती है. इससे हाईवे बंद होने, सड़क दुर्घटनाओं या स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हो सकती है.
इसलिए यात्रा या बाहरी गतिविधियों की योजना बनाने से पहले मौसम-अपडेट जरूर देखें. गर्म कपड़े, ऊनी जुराबें, और बर्फ व ठंडी हवाओं के प्रतिरोधी जैकेट इस मौसम में बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम
उत्तर प्रदेश में अगले एक-दो दिनों के दौरान मौसम सामान्य बना रहने की संभावना है. हाल के समय में वहां अस्तित्व में रहे चक्रवाती तूफान चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का प्रभाव अब खत्म माना जा रहा है, जिससे बारिश का कोई तत्काल जोखिम सामने नहीं है. हालांकि सुबह के समय हल्की धुंध या कोहरा दिख सकता है.
4 नवंबर को प्रदेश के पश्चिमी तथा पूर्वी हिस्सों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है, और 5-6 नवंबर को भी स्थिति में कोई ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है. बच्चों, बुजुर्गों तथा जिन लोगों को श्वसन संबंधी परेशानी है- उन्हें सुबह-सुबह निकलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है.
उत्तराखंड में ठिठुरन और बर्फबारी की चेतावनी
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में मौसम की सख्ती पहले से बढ़ चुकी है. यहां बर्फबारी और साथ-ही तापमान में गिरावट की संभावना है, जिससे ठिठुरन बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. 4 नवंबर की शाम को विशेष रूप से चमोली, बागेश्वर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, जो बर्फ में परिवर्तित हो सकती है. इससे हाईवे बंद होने, सड़क दुर्घटनाओं या स्थानीय लोगों की आवाजाही प्रभावित हो सकती है.
इसलिए यात्रा या बाहरी गतिविधियों की योजना बनाने से पहले मौसम-अपडेट जरूर देखें. गर्म कपड़े, ऊनी जुराबें, और बर्फ व ठंडी हवाओं के प्रतिरोधी जैकेट इस मौसम में बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं.
                    
                    
                    
                    
                                                
                                                
                        
                        
                        
                        
                        
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