पहाड़ी राज्यों में हो रही लगातार बर्फबारी और बारिश की वजह से मैदानी इलाकों में तेजी से पारा नीचे गिर रहा है. दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर और मध्य भारत के लोगों को रात के साथ ही सुबह-शाम में भी ठिठुरन महसूस होने लगी है. वहीं कई राज्यों में अभी भी बारिश का दौर जारी है. ऐसे में किसानों की फसलों के लिए भी मौसम का बदलता स्वरूप नुकसान और फायदा दोनों पहुंचाने का काम करेगा. तो आइए जानते हैं देशभर के मौसम का ताजा हाल.
भारत के मौसमी सिस्टम का हाल और इस दौरान करने वाले कृषि कार्य
अगर सबसे पहले बात करें दिल्ली-एनसीआर के मौसम की तो यहां अगले एक सप्ताह तक न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सिसय के आसपास रहेगा. इस दौरान रात के समय ठंड में और ज्यादा इजाफा होगा, जबकि दिन में तेज धूप से लोगों को ठंड से राहत मिलती रहेगी. ऐसे मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि यहां अगेती आलू की बुवाई करें. उपयुक्त मौसम को ध्यान में रखते हुए गेहूं, सरसों, प्याज और गाजर की बुवाई करें. सब्जियों में खरपतवार निकालने के लिए इंटरकल्चरल ऑपरेशन करें.
अगले 72 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में शीत लहर की स्थिति बहुत अधिक है, इसलिए खड़ी फसलों में शाम के समय हल्की सिंचाई करें.
अगले 72 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कई स्थानों पर बारिश/गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि सिंचाई, इंटरकल्चरल संचालन, खड़ी फसलों के लिए पौध संरक्षण उपायों और उर्वरकों के उपयोग को स्थगित कर दें और जलभराव से बचने के लिए खड़ी फसल के खेतों में पर्याप्त जल निकासी प्रदान करें.
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केरल के अलग-अलग स्थानों पर बिजली कड़कने के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है.
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और द्वीपों पर अलग-अलग जगहों में हल्की बारिश की संभावना है.
जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश/बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलती रहेंगी.
तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वो कटी हुई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रख दें. इसके साथ ही युवा फलों के पौधों और सब्जियों को तेज हवाओं के कारण फसलों को गिरने से रोकने के लिए यांत्रिक सहायता प्रदान करें.
आंधी/बिजली की अवधि के दौरान खुले में खड़े होने या खेतों में काम करने से बचें और आंधी की अवधि के दौरान खेत के जानवरों को घर के अंदर रखें.
अगले 3 दिनों के दौरान असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में सुबह के समय कुछ इलाकों में छिटपुट से मध्यम कोहरे की संभावना है. ऐसे में आलू, टमाटर और प्याज की फसल में अगर झुलसा रोग का प्रकोप नजर आता है तो जल्द ही पौध संरक्षण उपायों को लागू करें.
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