उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ पहुँच सकता है क्योंकि पहाड़ों से मैदानी क्षेत्रो की तरफ आ रही सर्द हवाओं को यह विक्षोभ कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा. इसकी क्षमता काफी कम है। हालांकि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे स्थानों पर इसके प्रभाव से हल्की बर्फबारी देखी जा सकती है.
इन ठंडी हवाओं की वजह से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में पारा और भी गिर सकता है अर्थात 2018 जाते-जाते आपको कपाने वाले मौसम का दंश झेलना पड़ेगा। हिसार, चुरू, सीकर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जैसे कुछ शहरों में पारा इतना नीचे रहेगा कि बर्फ बनने के आसार लगाए जा रहे है।
पारा गिरने से पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई वाले शहरों में कहीं-कहीं घना कोहरा भी छाया रहेगा। इस बीच उत्तर भारत में हवा की रफ़्तार बढ़ी है जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर मे कुछ कमी देखने को मिलेगी लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी बेहद खराब श्रेणी में ही बना रहेगा।
उत्तर भारत के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में भी कुछ क्षेत्रो में बर्फबारी का नज़ारा आप देख सकते हैं। आज अरुणाचल प्रदेश के दिबांग वैली और अपर सियांग जैसे ऊंचे शहरों में हल्की बर्फबारी के आसार हैं। इधर पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज में पहले से ही पारा सामान्य से 1 डिग्री नीचे पहुँच गया है। आज इसमें 1-2 डिग्री की और गिरावट हो सकती है।
उत्तर भारत के बिहार में गया, नालंदा, पटना और राजगीर सहित अनेक शहरों में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री नीचे पहुंच सकता है जिससे शीतलहर का सितम बढ़ सकता है।
उत्तर के पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं के कारण गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के शहरों में तापमान में भारी कमी होने के आसार लगाए जा रहे है जिससे ग्वालियर, भोपाल, बेतुल, उज्जैन, नागपुर, पेंडरा रोड, अमरेली, बड़ौदा और नलिया जैसे शहर भी शीतलहर की चपेट में आ सकते हैं।
दक्षिणी राज्यों में तेलंगाना के कुछ इलाकों में रहेगा शीतलहर का प्रभाव होने के वावजूद भी मौसम सूखा रहेगा। जबकि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।
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