आमतौर पर देखा जाता है कि लॉन्ग रेंज मौसम को लेकर जो भविष्यवाणी की जाती है, वह अमूमन गलत ही होता है, अब उसके पीछे की वजह उभरकर सामने आई है. दरअसल निजी एजेंसी स्काईमेट के वैज्ञानिकों का मानना है कि पूरे देश में कम से कम 25 हजार ऐसे डाटा पॉइंट यानी निगरानी केंद्र होने चाहिए. यानी हर दस से 12 किलोमीटर की दूरी पर ऐसे केंद्र होने जरूरी हैं. जोकि मौजूदा वक्त में नहीं हैं. यही वजह है कि लॉन्ग रेंज मौसम की भविष्यवाणी सटीक नहीं होती है.
अगर बात करें मौसम की तो, मौसम विभाग ने बिहार और झारखंड में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में भी मानसून सक्रिय नजर आ रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है और इसी के साथ ऐसे जिलों में येलो चेतावनी भी जारी की है. ऐसे में आइए निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट वेदर के अनुसार जानते हैं आगामी 24 घंटों के मौसम का पूर्वानुमान-
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
एक ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से झारखंड और उत्तरी ओडिशा होते हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है. एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र ओडिशा के दक्षिणी तट और इससे सटे उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश पर बना हुआ है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान के हिस्सों पर बना हुआ है. दक्षिण गुजरात पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
अगले 24 घंटों के दौरान मौसम की संभावित गतिविधि
अगले 24 घंटों के दौरान, सिक्किम, असम के कुछ हिस्सों, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.
उत्तर पूर्व भारत के बाकी हिस्सों, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों, बिहार के उत्तरी जिलों, पश्चिम बंगाल, विदर्भ के कुछ हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, गुजरात क्षेत्र, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. झारखंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है.
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