चक्रवाती तूफान फ़ेथाई कमजोर होकर अब पूर्वी भारत से आगे निकल गया है. इससे देश के अधिकांश क्षेत्रो में एक बार फिर से मौसम शुष्क हो गया है.
भारत में मॉनसून के जाने के बाद से अब तक बारिश में कमी का आंकड़ा बढ़ा हुआ है. इसमें चक्रवात तूफान फ़ेथाई भी बड़ा उलटफेर करने में असमर्थ रहा इसीलिए बारिश में कमी 43 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.
दक्षिण भारत में अक्टूबर से दिसंबर के बीच बारिश देने वाला उत्तर-पूर्वी मॉनसून 10 दिन में वापस चला जायेगा . इस बार उत्तर-पूर्वी मॉनसून ने बहुत ही कम बारिश की है. हालांकि जाने से पहले 22-23 नवंबर को मॉनसून फिर से सक्रिय हो चुका था. जिससे केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अच्छी बारिश की आशा जताई जा रही है. फिलहाल आज इन राज्यों में बारिश कम होने की सम्भावना है .
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी आसमान साफ हो गए हैं जिससे इन भागों में मौसम शुष्क होगा. कोलकाता, रांची, जमशेदपुर, पटना, पुर्णिया, वाराणसी और आसपास के शहरों सहित पूर्वी भारत में घना कोहरा या धुंध रहने की संभावना है क्योंकि पिछले दिनों की बारिश के कारण वातावरण में नमी बनी हुई है और पारा भी तेजी से गिर रहा है. कोहरा बढ़ने से अब पूर्वी भारत से पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों की तरफ़ जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हो सकती हैं.
उत्तर भारत में कश्मीर के पास पहुंचा पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है. इससे आज कश्मीर में भी सभी जगहों पर मौसम शुष्क हो जाएगा. पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने के बाद मैदानी भागों से आ रही हवाओं में ठंड का प्रभाव और बढ़ सकता है.
मौसम में ठंड होने से अमृतसर, जालंधर, चुरू, हिसार, नारनौल, आगरा, मुजफ़्फरनगर सहित मैदानी इलाकों में तापमान गिरने के आसार ज्यादा हैं. इन क्षेत्रो में शीतलहर का कहर और भी बढ़ सकता है. गिरते तापमान के कारण उत्तर भारत के कई इलाकों में पाला पड़ रहा है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाएगा.
साभार : skymet.com
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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