Bihar: बिहार के कैमूर के रहने वाले 42 वर्षीय चितरंजन सिंह ने शहर में वेब डिजायनर की नौकरी छोड़ गांव जाकर डेयरी, मत्स्य पालन एवं खेती का काम शुरू किया. आज वह लाखों रुपये सलाना की कमाई कर रहे हैं. ऐसे में जो लोग रोजगार के सिलसिले में अपना गांव छोड़ बड़े शहर जाते हैं. उनके लिए चितरंजन सिहं ने एक मिसाल कायम कर दी है.
गांव वालों ने कहा था नकारा
चितरंजन सिंह ने वाराणसी के एक निजी इंस्टीट्यूट से वेब डिजाइन में डिप्लोमा कोर्स किया था. फिर वह राजधानी दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में वेब डिजायनर के तौर पर काम करने लगे थे. उन्होंने दिल्ली में वर्ष 2009 से लेकर 2011 तक नौकरी की. इस दौरान मन न लगने के कारण उन्होंने घर वापस जाकर कुछ अपना व्सवसाय शुरु करने का निर्णय लिया. उनके इस फैसले को लेकर पिता से लेकर गांव के अन्य सभी लोगों ने उनकी खूब आलोचना की और लोगों ने नाकारा, निक्कमे तक कह दिया था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और खेती के साथ-साथ मछली पालन और गाय पालन के काम की भी शुरुआत की.
गाय और मछली पालन
चितरंजन सिंह बताते हैं कि दो एकड़ के खेत में मछलीपालन का काम भी करते हैं. इससे एक सीजन में उनको लगभग 140 क्विंटल से अधिक मछली का उत्पादन करते हैं. हर वर्ष लगभग वह अपने सभी खर्च को काटकर करीब 5 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं. उनके पास 16 गाय और 10 भैंसें भी हैं, जिनसे वह हर रोज लगभग 200 लीटर तक का दूध प्राप्त कर लेते हैं.
ये भी पढ़ेंः एक सफल किसान से उद्यमी तक सफर.
Share your comments