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नौकरी छोड़कर खेती से सालाना 40 लाख रुपए कमा रहा युवा किसान

अगर कोई युवा नौकरी की तलाश में है, और यह सोचता है कि खेती से अच्छी आमदनी हासिल करना नामुमकिन है तो फिर उन्हें यह कहानी जरूर पढ़ने के लिए कहें। यदि आप भी यह सोचते हैं कि खेती से घाटे का सौदा है तो फिर यह सफल कहानी जरूर पढ़ें आप गलत साबित होंगे।

अगर कोई युवा नौकरी की तलाश में है, और यह सोचता है कि खेती से अच्छी आमदनी हासिल करना नामुमकिन है तो फिर उन्हें यह कहानी जरूर पढ़ने के लिए कहें। यदि आप भी यह सोचते हैं कि खेती से घाटे का सौदा है तो फिर यह सफल कहानी जरूर पढ़ें आप गलत साबित होंगे।

दरअसल मध्य प्रदेश के एक युवा लखन सिंह सेमिल ने नौकरी में मन न लगने पर किसानी करने की सोच ली और नतीजतन उन्हें अच्छा परिणाम मिला। वह कृषि विषय से स्नातक हैं। जिसके बाद वह आठ हजार की नौकरी करने लगे। लेकिन इसके बाद खेती करने की चाहत में एग्री-बिजनैस का प्रशिक्षण लिया। जिस दौरान उन्होंने संरक्षित खेती पर ध्यान दिया। उनका विचार था कि पानी की बचत करने के लिए इस प्रकार की पद्धतियां वाकई कारगर साबित हो सकती है।

इस दौरान पॉलीहाउस में उन्होंने शिमला मिर्च, गोभी, चेरी टमाटर जैसी साल भर उत्पादित होने वाली फसलों उगाईं। इसके साथ ही आज लखन पॉलीहाउस की कंसल्टेंसी भी चलाते हैं। कुल मिलाकर उनका सालाना टर्न ओवर चार करोड़ के आस-पास बैठता है। इसके 10 प्रतिशत उन्हें फायदा मिलता है। यानिकि 40 लाख रुपए सालाना कमा लेते हैं।

पॉलीहाउस में खेती के विचार ने उन्हें आज कामयाब किसानों की फेहरिस्त में शामिल कर दिया साथ ही खेती को बिज़नैस मॉडल में तब्दील कर एक नई पहचान बनाने में कामयाब रहे। पॉलीहाउस में खेती के दौरान खेती बहुत अच्छी तरीके से की जा सकती है। पानी की बचत होती है। खाद एवं पानी जरूरत के अनुसार ही पौधों को मिलता है। फसल सुरक्षित रहती है। तापमान नियंत्रित रहता है। यूवी ( पराबैंगनी किरणों) से सुरक्षा मिलती है। इस प्रकार की गुणवत्ता अच्छी होती है।

लखन का कहना है कि एक एकड़ की खेती के लिए पॉलीहाउस बनाने में एक लाख पच्चीस हजार का खर्च बैठता है। जिस पर सरकार 50 से 60 फीसदी की सब्सिडी देती है।

English Summary: Youth Farmers earning Rs 40 lakh annually from farming Published on: 26 June 2018, 04:05 AM IST

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