महात्मा गांधी ने कहा है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। बिना गांवों के भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इन्ही गांवों से निकलते हैं एक से बढ़कर एक मेधावी, जो दुनिया भर में शान से तिरंगा लहराते हैं। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के ऐसे ही दो युवाओं ने अपने हुनर का लोहा मनवाया है। क्योंकि आईआईएम बेगलुरू में शनिवार को आयोजित 'इंडिया इनोवेशन चैलेंज डिजाइन कंटेस्ट 2016' के समारोह में इन्हें उपविजेता घोषित किया गया। लेकिन सबसे खास बात यह रही कि सबसे अधिक पुरस्कार राशि (23.5 लाख रूपए) इन्हीं के खाते में आई। इनके स्टार्टअप Mbreath की सभी मेहमानों ने तारीफ की।
दरअसल, देश को निरंतर बेहतर बनाने के लिए स्टार्टअप्स आगे बढ़ चले हैं। जब से स्टार्टअप्स में अपनी पहचान बनाने की होड़ शुरू हुई है, हर दिन नई सोच जन्म ले रही है। आज हर गली में युवा कुछ अलग कर दिखाने की चाह में दिमागी घोड़े दौड़ा रहा है और यही सोच और जज्बा हमारे देश के टैलेंट को खुलकर सामने ला रहा है। इसी का एक उदाहरण देखने को मिला बंगलुरू में, जहां कुछ युवाओं ने अपनी काबिल सोच से उनके प्रोजेक्ट में इनवेस्ट करने के लिए इनवेस्टर को मजबूर कर दिया।
आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने नींद की गुणवत्ता को मापने और शरीर में विसंगतियों का पता लगाने के लिए एक उपकरण बनाया है। लक्ष्मीकांत तिवारी ने बताया कि हमारा डिवाइस नींद के पैटर्न का पूरा विश्लेषण प्रदान करता है, जिसमें हृदय की धड़कन की निगरानी और स्लीप एपनिया जैसी श्वसन समस्याएं भी शामिल हैं। यह टीम प्रोफेसर अरविंदो रॉउत्रे की देखरेख में काम कर रही है। इस टीम में लक्ष्मीकांत तिवारी, सत्यपाल गुप्ता, पवन यादव, पवन कंडूरी, नितीश अरोरा सक्रिय सदस्य हैं।
खड़गपुर की टीम को बेस्ट इनकूबेटी और फर्स्ट रनर अप अवार्ड से नवाजा गया है। इतना ही नहीं ये टीम इससे पहले भी आईआईटी मुंबई में आयोजित स्टार्टअप समिट में बेस्ट अवार्ड जीत चुके हैं। आईआईटी खड़गपुर ने बेस्ट स्टार्ट अप घोषित कर चुकी है। हालांकि आईआईएम बंगलूरु में आयोजित इंडिया इनोवेशन चैलेंज डिजाइन कंटेस्ट-2016 का आयोजन स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया और टेक्सास इंस्ट्रूमेंट के सौजन्य से किया गया। जिसे माइगव पर भी प्रकाशित किया गया है। साथ ही 25 जुलाई को दिल्ली में एक और कंटेस्ट में शिरकत करेंगे।
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