आधुनिक समय में एक तरफ युवा पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी की तलाश करते हैं और खेती ना करके अन्य कार्य कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान समय में बढ़ती बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़ा बकरी पालन (Goat Rearing) का व्यवसाय आमदनी का एक सबसे अच्छा साधन बन सकता है.
बकरी पालन के व्यवसाय (Goat Farming Business) से अच्छी आमदनी निश्चित तौर पर होती है. इस बात को झारखंड के जिला धनबाद में रहने वाले युवा शिवम कुमार ने साबित कर दिखाया है.
दरअसल, शिवम कुमार नई पीढ़ी के युवा है, लेकिन वह मौजूदा समय में अपना गोट फार्म संचालित कर रहे हैं, जिसका नाम डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) हैं. खास बात यह है कि उनके फार्म से देशभर के कई राज्यों के किसान जुड़े हुए हैं. कृषि जागरण ने शिवम कुमार से जाना कि उन्होंने किस तरह गोट फार्म (Goat Farm) की शुरुआत की और किन-किन बकरियों को अपने फार्म में रखा है?
तीन साल पहले शुरू किया गोट फार्म
शिवम कुमार ने बी.कॉम की पढ़ाई की है. उन्होंने तीन साल पहले डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) की शुरुआत की. उन्होंने इस फार्म में बकरी की लगभग सभी नस्लों को रखा. सबसे रोचक बात है कि उन्होंने अपने और दोस्त दनीश के नाम पर नाम डी.एस का चयन किया, साथ ही एग्रो शब्द एग्रीकल्चर से लिया.
इस तरह उन्होंने गोट फार्म का नाम डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm)रखा है. उनका कहना है कि 12वीं पास करने के बाद वह एक बार अपने दोस्त के साथ छत पर बैठे थे. जहां से उन्हें एक मटन की दुकान दिखाई दी. उन्होंने सोचा कि बाजार में मटन की कीमत 600 से 700 किलो रुपए है फिर भी लोग इसे खरीदते हैं, खाते है और सप्लाई भी करते हैं. बस इसके आधार पर ही शिवम कुमार से डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) खोलने की योजना बनाई .
मुद्रा लोन लेकर खोला गोट फार्म
शिवम कुमार का कहना है कि शुरुआत में उन्होंने एसबीआई में लगभग 10 लाख रुपए के लोन के लिए अप्लाई किया था. मगर उम्र कम होने की वजह से बैंक की तरफ से लोन पास नहीं हुआ, लेकिन कम से कम 5 से 6 माह बाद प्रक्रिया पूरी करने के बाद 10 लाख रुपए लोन मिला. इसके बाद उन्होंने डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) की शुरुआत की.
लगभग बकरी की सभी नस्ल से शुरू किया गोट फार्म
उन्होंने आगे बताया कि देशभर में बकरी की लगभग 27 नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें से लगभग सभी नस्लों के सैम्पल्स गोट फार्म में रखे थे. इसमें सिहोरी, बरबरी, बिटेल, तोतापरी आदि बकरी की नस्लों को रखा था.
बता दें कि शिवम कुमार ने डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) को चलाने के लिए तीन जगह से ट्रेनिंग ली, जिससे उन्हें काफी अच्छा अनुभव मिला. इसकी मदद से गोट फार्म संचालित कर पा रहे है.
गोट फार्म की मार्केटिंग
शिवम कुमार का कहना है कि अगर आज के समय में बाज़ार में अपनी पहचान बनाना है, तो सबसे जरूरी है गुणवत्ता. अगर आपके प्रोडक्ट की गुणवत्ता अच्छी है और पूरी तरह से विश्वनीय है, तो आपके पास ग्राहक बार-बार आएंगे.
गोट फार्म को लेकर भविष्य का प्लान
शिवम कुमार डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) को भविष्य में एक बड़े स्तर पर ले जाना चाहते हैं. उनका कहना है कि वह इसे कॉर्पोरेट सेक्टर का हिस्सा बनाना चाहते हैं. इसके साथ एक बांड स्थापित करना चाहते हैं. वह भविष्य में डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) को देशभर में फैलाना चाहते हैं.
उनकी योजना है कि देश के कई राज्यों के लोगों को वह डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) की फ्रैंचाइज़ी प्रदान करें. उनका मानना है कि किसी भी बिजनेस को करने के लिए टीम का एकजुट होना बहुत जरूरी है.
शिवम कुमार का कहना है कि आज के समय में उन्हें डी.एस एग्रो गोट फार्म (DS Agro Goat Farm) से बहुत अच्छा मुनाफा मिल रहा है. इसके साथ ही देश के किसानों के लिए उनका संदेश है कि आपके लिए बकरी पालन का व्यवसाय आमदनी का अच्छा जरिया बन सकता है. मगर हर बिजनेस को करने के लिए सच्ची मेहनत और लगन की जरूरत पड़ती है. परिश्रम और अच्छी सोच हर बिज़नेस में सफलता दिलवा सकती है.
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