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ट्राउट मछली के सहारे किसान कमा रहा मोटा मुनाफा

उत्तराखंड राज्य में किसानों ने ट्राउट मछली के पालन का कार्य शुरू कर दिया है. दरअसल ट्राउट मछली काफी ज्यादा कामगार होती है और यह दिल के मरीजों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है. इस मछली की खास बात यह है कि यह केवल ताजे ठंडे पानी में ही रहती है. फिलहाल हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर मे ट्राउट मछली के पालन का कार्य शुरू किया जा रहा है. उत्तराखंड में उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ में कुछ किसानों ने ट्राउट मछली को पालने का कार्य करना शुरू कर दिया है. बता दें कि ट्राउट मछली एक हजार से पंद्रह सौ प्रति किलो में बिकती है.

किशन

उत्तराखंड राज्य में किसानों ने ट्राउट मछली के पालन का कार्य शुरू कर दिया है. दरअसल ट्राउट मछली काफी ज्यादा कामगार होती है और यह दिल के मरीजों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है. इस मछली की खास बात यह है कि यह केवल ताजे ठंडे पानी में ही रहती है. फिलहाल हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर मे ट्राउट मछली के पालन का कार्य शुरू किया जा रहा है. उत्तराखंड में उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ में कुछ किसानों ने ट्राउट मछली को पालने का कार्य करना शुरू कर दिया है. बता दें कि ट्राउट मछली एक हजार से पंद्रह सौ प्रति किलो में बिकती है.

ट्राउट के सहारे बढ़ रही किसानों की आमदनी

उत्तरकाशी के बार्सू गांव में कपिल ने ट्राउट मछली पालने का काम शुरू कर दिया है. इससे पहले उनके पिता ने यह कार्य किया था लेकिन वह इस मछली पालन के कार्य में सफल नहीं हो सके थे. ट्राउट मछली के पालन के लिए उन्होंने 15 मीटर लंबा, एक मीटर चौड़ा और एक मीटर गहरा टैंक बनवाए है लेकिन वह जानकारी के अभाव के चलते मछली पालन में असफल हो गए है.

traute fishie

नौकरी छोड़ शुरू किया मछलीपालन

कपिल बताते है कि वह पहले नौकरी करते थे, मछली पालन के विषय में कोई भी जानकारी नहीं थी लेकिन बाद में उन्होंने नए सिरे से वैज्ञानिक तरीके को अपनाकर नए सिरे से मछलीपालन करने के कार्य को किया है, कपिल बातते है कि उन्होंने नौकरी के दौरान ही ट्राउट मछली के पालन के बारे में जानकारी को जुटाना शुरू कर दिया था. उन्होंने इसके लिए पुराने पड़े हुए टैंकों पर फिर से कार्य शुरू किया. टैंक को ऊपर नीचे बनवाया ताकि एक टैंक से होते हुए पानी दूसरे टैंक में आ जाए. बाद में इन टैंक में मछली के बीजों को डाला गया है. इस कार्य के लिए उनको मछली विभाग से करीब ढाई लाख का अनुदान भी मिलता है. यहां के चमोली और गढ़वाल में ट्राउट मछली के बीजों को तैयार करने का कार्य किया जाता है. कपिल का कहना है कि वह आने वाले समय में यहां पर ट्राउट मछली के बड़े स्तर का प्रोजेक्ट को लगाना चाहते है ताकि कई लोगों को रोजगार मिल सके.

traut fish

प्रोटीन से भरी ट्राउट मछली

ट्राउट  मछली उत्तराकाशी के डोडीताल में पाई जाती है. आज से 120 साल पहले नार्वे में नेल्सन ने ट्राउट मछली के बीज को डालने का कार्य किया था. बता दें कि ट्राउट मछली में केवल एक ही कांटा पया जाता है. कांटा निकालने के बाद आप इसको चिकन और मटन की तरह आसानी से पका सकते है. ट्राउट मछली में ओमेगा थ्री फैटी एसिड तत्व होता है.यहां का मछली पालन विभाग भी च्राउट मछली पालन के लिए लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहा है.

English Summary: Trout fisheries in Uttarakhand are becoming a means of employment for the farmer Published on: 10 August 2019, 11:56 AM IST

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