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25 सालों की मेहनत से बनाया एक आत्मनिर्भर टेरेस गार्डन, जीते कई पुरस्कार

भुवनेश्वर की रहने वाली एक महिला ने अपनी मेहनत के बल से अपनी छत को एक बेहतरीन बगीचे में बदल दिया है. अपनी इस मेहनत के कारण वह कई पुरस्कार भी जीत चुकी हैं. 25 सालों से वह अपनी छत पर गमले लगा रही हैं.

लोकेश निरवाल
जयंती
25 सालों की मेहनत से बनाया एक आत्मनिर्भर टेरेस गार्डन

प्रसिद्ध कवि जॉन कीट्स ने 1818 में अपनी कविता एंडिमियन में लिखा था, "सौंदर्य की चीज हमेशा खुशी देती है," एक वाक्यांश है, जो जयंती साहू और उनके पति चित्तरंजन द्वारा खूबसूरती से पेश की गई है. तो आइए आज हम आपको इस लेख में भुवनेश्वर की रहने वाली जयंती साहू और उनके पति चित्तरंजन के बारे में बताएंगे. जिन्होंने अपने बल पर एक बेहतरीन टेरेस गार्डन का निर्माण किया.

भुवनेश्वर की रहने वाली जयंती कहती हैं, “मैं पिछले 25 वर्षों से अपने बगीचे की देखभाल कर रही हूं. मुझे हर गमला और पौधा अच्छे से याद है जो मेरी छत पर जगह घेरता है. मैं आपको यह भी बता सकती हूं कि मैंने इसे कब लगाया या कहां से लाया.

पौधों के लिए जीते कई पुरस्कार (Many awards won for plants)

आपको बता दें कि जिस घर में साहू रहते हैं. वह हर तरह से फूलों, फलों और सब्जियों से हरे-भरे स्वर्ग में बदल गया है. इस सब के दौरान जयंती एक गृहिणी रही है, जबकि चित्तरंजन जो कि 60 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति है. वह एक साल पहले ही अपनी बैंक की नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके है. जयंती प्लांट लवर्स एसोसिएशन, भुवनेश्वर और नाल्को से अपने पौधों के लिए कई पुरस्कार जीत चुकी है.

इस विषय पर जयंती कहती हैं कि "मैंने अब जानबूझकर इन प्रतियोगिताओं में जाना बंद कर दिया है, क्योंकि यह अन्य उत्साही और युवा उत्पादकों से मौका छीन लेती है. मैंने जो कुछ भी जीता है, उससे मैं संतुष्ट हूं, और अब अपने पौधों के साथ अपनी छत पर समय बिताने में बहुत खुशी मिलती है.

 जयंती के लिए, उनके पिता ने उनके अंदर बागवानी करने का जुनून पैदा किया,  जिन सब्जियां और फल को वह उगाते थे. उनका उपभोग पूरा परिवार करता था. जयंती के पति का कहना है कि, “मैं उसे पौधों की देखभाल करते हुए घंटों बिताते हुए देखता था.  

महामारी ने कैसे बढ़ावा दिया (How the pandemic fueled)

कोरोना महामारी के दौरान मार्च 2020 तक, जयंती का टैरेस गार्डन मौसमी फूलों और पौधों से भरा हुआ था. लॉकडाउन के दौरान ही जयंती ने अधिक सब्जियां और फल लगाने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया. “लॉकडाउन के दौरान, हम सभी अपने घरों तक ही सीमित थे और अपनी दैनिक सब्जियां खरीदने के लिए भी बाहर निकलना एक समस्या साबित हो रही थी. उस समय मैंने सब्जियों की उगाने की संख्या बढ़ा दी थी.

जयंती इस बात से बहुत खुश होती थी कि उसके द्वारा उगाई गई सबजियों को सभी लोग बहुत प्यार से खाते थे. मेरा परिवार बहुत अधिक फूलगोभी को खाना पसंद नहीं करते हैं,  इसलिए हम इसे नहीं उगाते हैं. हालांकि, भिंडी (भिंडी), टमाटर, बैगन, खीरा, कद्दू, और पालक, मूली और मेथी जैसी सब्जियां हम सभी को पसंद हैं, इसलिए मैं उन्हें सबसे अधिक उगाती हूं.

बता दें कि जयंती की छत पर 450 से अधिक गमले हैं, जिसमें फूलों के गमले टोकरे में हैं, साथ में लंबे गमले हैं, जिसमें लगभग एक में 20 पौधे तक रखे जा सकते हैं. इस विषय पर जयंती कहती है कि, "मैंने वास्तव में कभी नहीं गिना कि मेरी छत पर गमले और पौधे कितने हैं, लेकिन मुझे पता है कि इनकी संख्या बहुत अधिक है.  वह यह भी कहती हैं कि सर्दियों के आने के साथ ही फूलों के पौधों की संख्या भी बढ़ रही है.

बोगनविलिया की 10 से अधिक किस्में (More than 10 varieties of bougainvillea)

जयंती कहती है कि मेरे पास बोगनविलिया की 10 से अधिक किस्में और एडेनियम के साथ 25 से अधिक गमले हैं. साथ में विभिन्न प्रकार के जल लिली, कमल के फूल, ऑर्किड, जुनून फूल, गुलाब, चमेली, ब्रह्म कमल और यहां तक ​​​​कि गेंदा भी उनकी छत पर है.

जयंती आगे कहती है कि, छत के बगीचे में बिताए समय का वह और उसका परिवार भरपूर आनंद लेते हैं और जयंती कहती है, "भले ही हम चाय नहीं पीते हैं, लेकिन हम सुंदरता के बीच छत पर बिताए समय से प्यार करते हैं.

English Summary: This woman created a self-sustaining terrace garden with over 450 plants, won several awards Published on: 10 March 2022, 04:07 PM IST

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