वो लोग जो खेती को घाटे का सौदा मानते है या ऐसा सोचते है कि खेती करके कभी लखपति या करोड़पति नहीं बना जा सकता है, उनके लिए २ युवाओं की कहानी प्रेरणास्पद है जिन्होंने कंपनी की नौकरी छोड़कर खेती की और आज हर महीनें कमा रहे है लाखों. इस लेख में पढ़ें ऐसे मेहनती युवाओं की कहानी.
उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती से ताल्लुक रखने वाले अमरेंद्र प्रताप सिंह और प्रेम प्रकाश सिंह ने अपनी मेहनत के दम पर खेती को घाटे का सौदा मानने वाले लोगों को गलत साबित कर दिया है और ऐसा नहीं है कि इन युवाओं के पास नौकरी का विकल्प नहीं था, इसलिए इन्होंने जीविकोपार्जन हेतु खेती करना प्रारंभ किया बल्कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह दोनों ही एक एमएनसी कंपनी में बतौर इंजीनियर लाखों का वेतन पाते थे.
लेकिन खेती के प्रति इनकी दीवागनी इन्हें शहरों की चकाचौंध से खींचकर खेती की तरफ लेकर आ गई. इन युवाओं ने खस की खेती करने का फैसला किया. शुरूआत में इनको भी विफलताओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में इन्होंने उचित सूझबूझ और विवेक से इन विफलताओं को सफलता में तब्दील कर दिया. आज यह युवा ना महज खुद खस की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
आज की तारीख में इन दोनों युवाओं का नाम देश के सबसे प्रसिद्ध खस उत्पादकों की फेहरिस्त में शुमार हैं. यह मल्टीनेशनल कंपनी को सुगंधित तेल प्रदान करते हैं. आज यह युवा खेती करके लाखों रूपए मुनाफा कमा रहे हैं.
२ करोड़ रूपए का है टर्न ओवर
इन युवाओं का सालाना दो करोड़ रूपए का टर्न ओवर है.यही नहीं ये युवा भविष्य में सालाना टर्न ओवर को बढ़ाने की दिशा में अभी से प्रयासरत है.
इन चीजों में होता है खस का इस्तेमाल
खस एक बहुउपयोगी पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल दवा, इत्र, तेल के निर्माण में किया जाता है. तेल की एक यूनिट १ लाख ६० हजार रूपए में आती है. इसकी प्रति लीटर तेल की कीमत १४ से १५ हजार रूपए है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इससे कितना अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि खस की खेती को कम लागत में शुरू किया जा सकता है.
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