राजनीति हो या खेलें, आज के इस समय में महिलाओं ने बहुत से क्षेत्रों में पुरूषों के मुकाबले अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आज शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जिसमें महिलाओं डटकर आगे न आई हो। महिलाओं की ऐसी बहुत मिसालें हमारे सामने है, जिन्होंने राजनीति, आविष्कार करके और खेलों के जरिए देश का नाम रोशन किया है। मगर आज हम आपको भारत-पाक सीमा पर देश की रखवाली करने वाली बीएसएफ की पहली महिला असिस्टैंट कमांडेंट के बारे में बताने जा रहे हैं।
राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर देश की रखवाली करने वाली तनुश्री पारीक पहली महिला बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट है। वह पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके बाड़मेर में ड्यूटी करती है। अपनी ड्यूटी के साथ-साथ वह कैमल सफारी के जरिए बीएसएफ और वायुसेना की महिला जवानों के साथ मिलकर लोगों तक नारी सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश भी देती हैं।
तनुश्री पारीक ने 2014 में अपनी ट्रैनिंग शुरू की थी। इसी दौराैन उन्होंने सुरक्षा बल अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की पहली महिला अधिकारी के रूप में हिस्सा लिया। इसके अलावा उन्होंने दीक्षांत समारोह की परेड में 67 अधिकारियों का नेतृत्व भी किया। इसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। 52 हफ्तों की ट्रैनिंग के बाद तनुश्री को भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात कर दिया गया।
तनुश्री पारीक का कहना है कि 'उन्होंने यह फील्ड नौकरी के लिए नहीं बल्कि पैशन के लिए चुनी है'। वह बचपन से ही सेना में जाना चाहती थी। स्कूल और कॉलेज में भी तनुश्री पारीक एनसीसी कैडेट रह चुकी हैं। तनुश्री का कहना है कि उनका फोर्स में जाने का तभी फायदा है जब दूसरी लड़कियां भी फोर्स ज्वाइन करना शुरू करें।' उन्होंने कहा कि लड़कियां सूरज से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना छोड़ें, धूप में तपकर खुद को साबित करें।' देश की पहली महिला कॉम्बैट ऑफिसर होने पर उनके परिवार के साथ-साथ देश के लोगों को भी गर्व है।
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