Success Story: प्रगतिशील किसान ज्ञान प्रकाश, गांव हरगनपुर, जिला जौनपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वहीं, ज्ञान प्रकाश खेती के साथ-साथ नर्सरी तैयार करने का काम भी करते हैं. वह नर्सरी में रिसर्च सब्जियों की पौध, हाइब्रिड सब्जियों के पौध, सीजनल फूलों के पौध को वैज्ञानिक विधि और पोट्रे विधि दोनों से तैयार करते हैं. वहीं, ज्ञान प्रकाश खेती में आलू, गेहूं, फूल और धान की खेती करते हैं, लेकिन इनका मुख्य व्यवसाय नर्सरी है.
कुछ भी नया शुरू करने से पहले उसके पीछे एक कहानी जरूर होती है. ऐसी ही इनकी भी कहानी है. ज्ञान प्रकाश पहले कानपुर में रहते थे. वहीं पर पढ़ाई भी की. लेकिन जब यह अपने गांव आए तो इन्हें खेती करने का शौक लगा.उन्होंने बताया की जब उनकी सब्जी बाजार में जाती थी, तो उसे उनके नाम से जाना जाता था कि यह ज्ञान प्रकाश की सब्जी है और फिर वह हाथों-हाथ बिक जाती थी. उन्होंने आगे कहा, "मेरे बगल में कृषि विज्ञान केंद्र है, जहां मेरा आना जाना लगा रहता था. इसके बाद मैं कई अनुसंधानों में गया. मैंने वहां उनकी टेक्नोलॉजी को देखा जिससे मुझे महसूस हुआ की मैं भी खेती कर सकता हूं."
उन्होंने कहा, "एक बरा मैं पंतनगर यूनिवर्सिटी में गया, जहां पूरे जिले के किसान व कृषि वैज्ञानिक आए हुए थे. उन्होंने मुझसे पूछा आप कृषि के क्षेत्र में क्या करना चाहते हैं, तो मैंने कहा कि मैं खुद काम करना चाहता हूं, कुछ सीखना चाहता हूं. मैं अपने जिले की तरफ से आया हूं और उसके लिए जरूर कुछ करूंगा. इसके बाद मैंने थोड़े से पौधे से नर्सरी का काम शुरू किया. धीरे-धीर उसका मार्केट बढ़ता गया, तो मैंने इसे दो क्यारी में करना शुरू कर दिया. इसी प्रकार से मार्केट बढ़ती गई और आज एक एकड़ में मेरी नर्सरी है."
कृषि वैज्ञानिकों से मिली मदद
उन्होंने कहा, "मेरे अंदर खुद नया कुछ करने की होड़ रहती थी. इसके चलते मैं पहले से ही काफी कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के संपर्क में रहा हूं, जिनसे मुझे मदद प्राप्त हुई है. इसी के साथ ही मैंने खेत में काम करके धीरे-धीरे सब कुछ सीखा है. अगर मुझे खेत में कुछ नई चीजें करनी होती था, तो मैं कृषि वैज्ञानिकों से पूछ लेता था."
सब्जियों की नर्सरी
प्रगतिशील किसान ज्ञान प्रकाश सब्जियों में मिर्च, टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली और अन्य कई तरह की सब्जियों के पौधे तैयार करते हैं. उनके पास एक बड़ी नर्सरी है, जो एक एकड़ फैली है. जहां वे सीजन के अनुसार इन पौधों को तैयार करते हैं. इसके अलावा वे अपनी नर्सरी में फूलों के पौधे भी तैयार करते हैं.
सालाना कर रहे लाखों की कमाई
प्रगतिशील किसान ज्ञान प्रकाश अपनी नर्सरी को किसानों तक पहुंचाने के लिए किसी भी तरह का कोई विज्ञापन नहीं करते हैं. किसान खुद पता पूछकर इनके पास आते हैं. ज्ञान प्रकाश के पास जोत की जमीन करीब दो एकड़ है. उन्होंने बताया कि वह अपनी नर्सरी से सालाना 10 से 12 लाख रुपये कमा लेते हैं.
'ईमानदारी से अपना काम करें किसान'
वहीं ज्ञान प्रकाश ने कहा कि अगर किसान ईमानदारी के साथ अपना काम करें, तो उन्हें मंडीकरण की समस्या पेश नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि ईमानदारी किसान की पहचान खुद ब खुद बन जाती है. जिसके बाद उसे अपनी फसल और उत्पादों के लिए मंडीकरण की कोई समस्या पेश नहीं आती. उदहारण देते हुए उन्होंने बताया कि उनकी फूलों की नर्सरी है. बाजार में अगर एक पौधा 20 से 25 रुपये में मिल रहा है, तो वे उसे चार से पांच रुपये में बेचते हैं. जिससे किसानों का भी फायदा होता है और उनकी आमदनी भी.
उन्होंने बताया कि कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती. उसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ी है. मुझे भी इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए करीब 25 साल लग गए. इस तरह से मेरा नाम ही मेरा ब्रांड बन गया. उन्होंने कहा कि मेरे ब्रांड का नाम ‘ज्ञान प्रकाश सब्जी नर्सरी’ है. ज्ञान प्रकाश ने बताया कि वर्तमान में उनसे कम से कम 10 हजार किसान जुड़े हुए हैं.
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