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Success Story: सेना से रिटायरमेंट के बाद फौजी ने पकड़ी खेती की राह, सालाना मुनाफा जानकर दंग रह जाएंगे आप

Success Story: प्रगतिशील किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने रिटायरमेंट से पहले ही खेती करने का मन बना लिया था. सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने सुपर फ्रूट्स की खेती शुरू की और आज वे इससे लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

बृजेश चौहान
प्रगतिशील किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह .
प्रगतिशील किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह .

Success Story: आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद लोग आराम करना पसंद करते हैं. इस उम्र में शायद ही ऐसा कोई होगा जो कुछ नया करने की सोचेगा. लेकिन, लखनऊ के रहले वाले प्रगतिशील किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह की कहानी जरा हट के है. प्रगतिशील किसान हरिश्चंद्र सिंह सेना से रिटायर हैं. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने खेती की राह पकड़ी और आज वे सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

रिटायरमेंट से पहले ही बना लिया था खेती का मन 

प्रगतिशील किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने रिटायरमेंट से पहले ही खेती करने का मन बना लिया था. उन्होंने बताया कि साल 2015 में वह सेना से रिटायर हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने लखनऊ के पास बाराबंकी के एक गांव अमसेरवा में जमीन खरीदकर उसी में खेती की शुरूआत की. उन्होंने आगे बताया कि वहां अधिकतर लोग पारंपरिक फसलें, जैसे- गेहूं और धान की खेती करते थे, जिससे उन्हें विशेष लाभ नहीं हो रहा था. जिसके बाद उन्होंने खेती में कुछ नया करने की सोची.

सुपर फ्रूट्स की खेती ने बदली जिंदगी

अपनी इसी सोच के साथ उन्होंने मुनाफे की खेती से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करना शुरू की. तभी उन्हें सुपर फ्रूट्स की खेती के बारे पता चला. उन्होंने यूट्यूब, कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विश्वविद्यालय से इसकी अधिक जानकारी जुटाई. हरिश्चंद्र सिंह इससे इतने प्रभावित हुए की उन्होंने तय की वे सुपर फ्रूट्स की खेती करेंगे. जिसके लिए उन्होंने सबसे पहले ड्रैगन फ्रूट्स और एप्पल बेर के पौधे लगाए. इसके अलावा, उन्होंने 3 वैरायटी के सेब भी लगाए, जिसमें डोरसेट गोल्डन, अन्ना और हरीमन 99 शामिल थे. साथ ही उन्होंने चिया सीड्स की भी खेती की और उस दौरान उसकी कीमत 1200 से 1500 रुपये किलोग्राम के बीच थी.

'मन की बात' में PM मोदी भी कर चुके हैं जिक्र

हरिश्चंद्र सिंह ने बताया कि सुपर फ्रूट्स के बाद उन्होंने पर्पल पोटैटो की खेती शुरू की, जो आलू की एक किस्म है. इसी तरह उन्होंने काला गेहूं और काला चावल भी उगाया, लेकिन उसकी मार्केटिंग में समस्या आने से चलते उन्हें इसकी खेती छोड़नी पड़ी. बता दें कि किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह उत्तर प्रदेश में चिया सीड्स लगाने वाले पहले और ड्रैगन फ्रूट्स लगाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं और इनकी खेती की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में की थी.

उन्होंने बताया कि अमसेरवा गांव में उनके पास 4 एकड़ जमीन है, जिस पर वह खेती-बाड़ी करते हैं. इसके अलावा, अंबेडकर नगर में भी उनके पास 7 एकड़ जमीन है, जहां वे केवल गन्ने की खेती करते हैं. इसके अलावा सुल्तानपुर में एक 10 एकड़ का फार्म भी है, जहां पर वह जल्द खेती करने पर विचार कर रहे हैं.

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सालाना कमा रहे 15 लाख से ज्यादा का मुनाफा  

अगर सालाना लागत और आमदनी की बात करें, तो किसान कर्नल हरिश्चंद्र सिंह सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. जिसमें उन्होंने लगभग 600 पिलर लगाए हैं. उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट्स के पूरे सीजन में लगभग 7 बार फ्लावरिंग होती है. एक पिलर पर इसके 4 पौधे लगाए जाते हैं, जिससे 20 से 25 किलो फल का उत्पादन हो जाता है. उन्होंने बताया कि एक सीजन में वह एक पिलर से एक हजार का मुनाफा कमाते हैं, जो 600 के हिसाब से 6 लाख बैठता है. जबकि इसकी लागत की बात करें, तो इसनें एक लाख रुपये की लागत आती है. यानी हरिश्चंद्र सिंह ड्रैगन फ्रूट से 5 लाख रुपये का मुनाफा कमाते हैं.

इसके अलावा वह एक एकड़ में चिया सीड्स भी उगाते हैं. जिससे उन्हें लगभग 5 से 7 क्विंटल उत्पादन मिल जाता है. उन्होंने बताया कि इस फसल को लगाने में बहुत कम खर्चा आता है और इससे कमाई की दोगुनी होती है. उन्होंने बताया कि अपनी सभी फसलों को मिलाकर वे सालाना 12 से 16 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं.

English Summary: colonel harishchandra singh earning lakhs from the cultivation of dragon fruits apple plum and chia seeds after retirement Published on: 19 December 2023, 12:18 PM IST

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