Success Story of Progressive Dairy Farmer Ram Singh: राम सिंह, हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले एक प्रगतिशील डेयरी किसान हैं, जिनकी सफलता की कहानी न केवल किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से किसी भी व्यवसाय में सफलता पाई जा सकती है. 1987 से पशुपालन और जैविक खेती के क्षेत्र में कदम रखने वाले राम सिंह ने अपने साहिवाल नस्ल की गायों के साथ डेयरी फार्मिंग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है.
उनका फार्म "साहिवाल डेयरी फार्म" के नाम से प्रसिद्ध है, जो उनके डेयरी उत्पादों का ब्रांड नाम भी है. यह फार्म न केवल उनके परिवार के लिए समृद्धि का कारण बना है, बल्कि यह डेयरी किसानों के लिए भी एक मिसाल बन चुका है. वर्तमान समय में राम सिंह के पास लगभग 500 साहिवाल नस्ल की गायें और 20 हरियाणवी नस्ल की गायें हैं, जिनसे रोजाना 10 क्विंटल दूध प्राप्त होता है, जिससे उनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
प्रारंभिक कदम: सही प्रशिक्षण और नस्ल का चयन
राम सिंह का मानना है कि डेयरी फार्मिंग में सफलता पाने के लिए सबसे पहले प्रशिक्षण लेना बहुत आवश्यक है. उन्होंने शुरुआत में गाय और भैंस दोनों का पालन किया था, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने साहिवाल नस्ल की गायों के पालन पर ज्यादा फोकस करना शुरू कर दिया. वे बताते हैं कि साहिवाल नस्ल की गायें अधिक मुनाफे वाली और उनके यहां के पर्यावरण के हिसाब से भी उपयुक्त हैं. इसके अलावा, करनाल में स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान से आसानी से सीमन प्राप्त हो जाता है, जिससे उनका पालन और भी सरल हो गया. साहिवाल नस्ल की गायों का दूध न केवल उच्च गुणवत्ता वाला होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है, जो राम सिंह की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण है.
साहिवाल गायों की विशेषता
राम सिंह के फार्म में सबसे ज़्यादा संख्या में साहिवाल नस्ल की गायें हैं, और उन्हें यह नस्ल बहुत पसंद है. साहिवाल नस्ल की गायें दूध देने में बहुत सक्षम होती हैं और उनका दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है. राम सिंह के पास लगभग 500 साहिवाल नस्ल की गायें हैं, जिनसे रोजाना 10 क्विंटल दूध प्राप्त होता है. इसके साथ ही, उनके पास 20 हरियाणवी नस्ल की गायें भी हैं, लेकिन वह मुख्य रूप से साहिवाल गायों को प्राथमिकता देते हैं.
साहिवाल गायों का दूध न केवल स्वाद में अद्वितीय होता है, बल्कि इसके पोषक तत्व भी उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं. इस दूध की मांग बाजार में बहुत अधिक है, और यही कारण है कि राम सिंह के उत्पाद महंगे बिकते हैं. इसके अलावा, इस नस्ल की गायें स्वस्थ रहने में सक्षम होती हैं.
फार्म की स्थापना और भूमि का उपयोग
राम सिंह के पास कुल 50 एकड़ ज़मीन है, जिसमें से 4 एकड़ में उनका डेयरी फार्म स्थित है. बाकी ज़मीन पर वह जैविक खेती करते हैं और अपने पशुओं के लिए हरा चारा उगाते हैं. जैविक खेती का उपयोग न केवल उनके डेयरी उत्पादों को जैविक बनाता है, बल्कि इससे उनके पशुओं को भी पोषक आहार मिलता है. राम सिंह का मानना है कि जैविक तरीके से उगाए गए चारे और अन्य फसलों से उनके पशुओं को उच्च गुणवत्ता का आहार मिलता है, जिससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करने से न केवल भूमि की उर्वरकता बनी रहती है, बल्कि यह पर्यावरण को भी बचाने में मदद करता है.
सरकार से मदद और पूंजी निवेश
राम सिंह के अनुसार, डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए सही पूंजी निवेश की आवश्यकता होती है. हालांकि, सरकार डेयरी किसानों को उनके प्रोजेक्ट के अनुसार विभिन्न सब्सिडी और सहायता प्रदान करती है. इसका मतलब है कि डेयरी फार्म की शुरुआत में निवेश की आवश्यकता किसानों के प्रोजेक्ट पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए, एक अच्छी साहिवाल नस्ल की गाय की कीमत लगभग 1 लाख रुपये होती है.
वह यह भी बताते हैं कि डेयरी फार्मिंग में लागत का निर्धारण विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि शेड का आकार, पशुओं की संख्या, नस्ल और उनकी उम्र. राम सिंह का अनुभव है कि यदि सही तरीके से फार्म की योजना बनाई जाए, तो अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
स्वास्थ्य देखभाल और पोषण
राम सिंह का मानना है कि डेयरी फर्मिंग बिजनेस में सफलता के लिए स्वास्थ्य देखभाल और पोषण का बहुत महत्व है. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके पशुओं को समय-समय पर टीका लगवाया जाए और उनका आहार उच्च गुणवत्ता का हो. उनका फार्म पूरी तरह से जैविक है, और वह खुद अपने चारे का उत्पादन करते हैं. यह उनकी सफलता का एक अहम कारण है. राम सिंह का मानना है कि यदि पशुओं को अच्छे से पालन-पोषण मिले, तो वे स्वस्थ रहते हैं और उनके उत्पाद भी उत्तम होते हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि उनका फार्म समय-समय पर पशु चिकित्सकों से जांच कराता है, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से बचा जा सके. नियमित रूप से पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और पोषण की गुणवत्ता पर ध्यान देने से दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है, जो बाजार में उसकी मांग को बढ़ाता है.
डेयरी उत्पादों की बिक्री और मार्केटिंग
राम सिंह के डेयरी फार्म से उत्पादन होने वाला दूध मुख्यतः कुरुक्षेत्र और करनाल में बेचा जाता है. चूंकि उनके पशु जैविक चारा खाते हैं, इसलिए उनका दूध और अन्य उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, जो बाजार में महंगे बिकते हैं. उनके फार्म से दूध और घी की बिक्री होती है, और घी ऑनलाइन माध्यम से देशभर में बेचा जाता है. राम सिंह का डेयरी फार्म एक सफल व्यवसाय के रूप में विकसित हुआ है, जिससे उनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक का होता है.
न केवल व्यापार, बल्कि समाज में योगदान
राम सिंह की सफलता की कहानी न केवल एक व्यवसाय की सफलता है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की भी मिसाल है. वह अपने फार्म से ना केवल अच्छे उत्पाद बेचते हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय में जैविक खेती और पशुपालन के महत्व को भी बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा, वह अन्य किसानों को भी अपनी सफलता की कहानी बताते हैं और उन्हें डेयरी फार्मिंग में सफल होने के लिए मार्गदर्शन करते हैं.
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