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Success Story: कैसे हूवु फ्रेश ने भारतीय पूजा फूलों के उद्योग में क्रांति ला दी? यहां पढ़ें सफलता की कहानी

रिया और यशोदा करुतुरी ने लोगों के दरवाजे तक ताजे पारंपरिक फूलों को पहुंचाने के लिए के लिए 2020 में, हूवु फ्रेश की शुरुआत की, जो अब भारत में पूजा फूल उद्योग को बदल रहा है. यहां पढ़ें सफलता की कहानी

KJ Staff
Rhea and Yeshoda Karuturi in their farm
रिया और यशोदा करुतुरी अपने खेत में

कृषि के क्षेत्र में, नवाचार अक्सर परंपरा से गहरे संबंध से उत्पन्न होता है. बेंगलुरु की दो बहनें रिया और यशोदा करुतुरी के लिए, यह संबंध फूलों से घिरे बचपन में निहित था. दोनों बहनें एक ऐसे परिवार में पली-बढ़ीं जो फूलों की खेती के क्षेत्र में कई दशकों से जुड़ा था, बहनों को अपने पिता की उस यात्रा से प्रेरणा मिली, जिसने इथियोपिया में एक छोटे से गुलाब के खेत की स्थापना से लेकर दुनिया के सबसे बड़े गुलाब के खेत के निर्माण तक का सफर तय किया. फूलों की खेती की बारीकियों के बीच उनका पालन-पोषण उन्हें फूलों का व्यापार करने के लिए प्रेरित किया, और इन दोनों बहनों ने लोगों के दरवाजे तक ताजे पारंपरिक फूलों को पहुंचाने के लिए के लिए 2020 में, हूवु फ्रेश की शुरुआत की, जो अब भारत में पूजा फूल उद्योग को बदल रहा है.

पारिवारिक विरासत से लेकर व्यक्तिगत दृष्टिकोण तक

रिया और यशोदा को अपने पिता के पदचिन्हों पर चलना था, लेकिन उन्होंने फूल उद्योग के एक ऐसे क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करके अपनी पहचान बनाई जो काफी हद तक अछूता रहा था. दोनों बहनों की यात्रा 2019 में ‘रोज़ बाज़ार’ से शुरू हुई, जिसे बाद में 2020 में ‘हूवु फ्रेश’ के रूप में रीब्रांड किया गया. अगर इस शुरुआत के पीछे की प्रेरणा की बात करें तो उनकी मां ने शिकायत की कि पूजा के फूल देर से पहुंचते हैं और अक्सर घरों तक पहुंचने तक मुरझा जाते हैं, यहां तक ​​कि भारत की तथाकथित फूलों की राजधानी बेंगलुरु में भी. उनकी मां ने जो कहा उसमें सच्चाई थी. बर्बादी और बासी फूल इस व्यवसाय की सबसे बड़ी समस्या हैं...

यशोदा कहती हैं, "पूजा के फूलों की ताज़गी सिर्फ़ सौंदर्य से जुड़ी नहीं है; यह भावनाओं से जुड़ी है. एक भक्त के लिए, फूलों की ताज़गी उनकी भक्ति के बराबर होती है. भगवान को खराब फूल चढ़ाना उचित नहीं होता है. इस समझ ने बहनों को अपने व्यवसाय मॉडल में ताज़गी को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके ग्राहकों को दिए जाने वाले फूल यथासंभव ताज़े हों."

पूजा के फूलों के बाज़ार में क्रांति

गुलदस्ते के फूलों के उद्योग से चार गुना बड़ा पूजा के फूलों के उद्योग के विशाल आकार के बावजूद बाज़ार में बहुत कम नवाचार हुए हैं. धार्मिक अनुष्ठानों के लिए फूल, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं, अभी भी उसी तरह बेचे जा रहे हैं जैसे दशकों से बेचे जा रहे थे. हूवु फ्रेश ने एक मज़बूत आपूर्ति श्रृंखला बनाकर इसे बदलने का बीड़ा उठाया, जो फूलों की गुणवत्ता और ताज़गी को बनाए रख सके.

यह समझते हुए कि फूल बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं, रिया और यशोदा ने फूलों की प्रोसेस कीं, जिससे उनके उत्पादों की शेल्फ़ लाइफ़ दो-तीन दिनों से बढ़कर 15 दिन हो गई. यह नवाचार एक गेम-चेंजर था, जिससे उन्हें बिग बास्केट, ज़ेप्टो और स्विगी जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस के ज़रिए ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहक तक पहुंचाने में मदद मिली.

Rhea and Yeshoda Karuturi with their products
रिया और यशोदा करुतुरी अपने उत्पादों के साथ

गुणवत्ता पर उनका ध्यान सिर्फ़ फूलों तक ही सीमित नहीं रहा. हूवु फ्रेश ने पूजा से जुड़े कई उत्पाद भी पेश किए, जिनमें धूप कोन और अगरबत्ती शामिल हैं, जिससे उनके ब्रांड का भारत भर में विस्तार हुआ. ऐसा करके, वे अपने ग्राहकों के जीवन के भावनात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं को समझने में सफल रहे हैं, जिससे पूजा के फूलों के उद्योग में हूवु फ्रेश एक विश्वसनीय नाम बन गया है.

किसानों को सशक्त बनाना और बर्बादी को कम करना

हूवु फ्रेश की सफलता का मूल कारण फूल उगाने वाले किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है. परंपरागत रूप से, पूजा के फूलों के बाजार में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें बिचौलियों के कारण उच्च बर्बादी दर और कम रिटर्न शामिल हैं.

Packaging work going on in Hoovu Fresh
हूवु फ्रेश में फूलों की पैकेजिंग

यशोदा बताती हैं, " पूजा के फूलों में 40-60 प्रतिशत की बर्बादी होती है. यह उगाए गए फूलों के आधे से भी अधिक है, जो कि इसमें लगने वाले मेहनत को देखते हुए हास्यास्पद है. वही, हूवु फ्रेश ने फूल के हर हिस्से का उपयोग करके इस बर्बादी को केवल 3 प्रतिशत तक कम करने में कामयाबी हासिल की है, जिसमें धूप और अन्य उत्पाद बनाना शामिल है, जो अन्यथा फेंक दिए जाते. इसके अलावा, बिचौलियों को हटाकर और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देकर, हूवु फ्रेश ने आपूर्ति श्रृंखला की शुरुआत में उन लोगों के लिए एक अधिक टिकाऊ और लाभदायक मॉडल बनाया है."

राष्ट्रीय उपस्थिति और आने वाले कल की योजनाएं

कोविड-19 महामारी से ठीक पहले लॉन्च किए गए हूवु फ्रेश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन बहनों की दृढ़ता रंग लाई. जैसे-जैसे महामारी ने अधिक उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शॉपिंग की ओर धकेला, हूवु फ्रेश के उत्पादों की मांग में उछाल आया. आज यह  ब्रांड बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली सहित प्रमुख भारतीय शहरों में हर महीने 150,000 से अधिक ऑर्डर पहुंचाने के साथ ही करोड़ों का कारोबार कर रहा है, और आगे भी विस्तार करने की योजना बना रहा है.

शार्क टैंक इंडिया पर बहनों की उपस्थिति ने उनके उद्यम को अतिरिक्त दृश्यता और मान्यता प्रदान की. यशोदा कहती हैं, "शार्क टैंक का हिस्सा बनना हमारे लिए एक गेम-चेंजर था. इसने हमें राष्ट्रीय पहचान दिलाई और नए अवसरों के द्वार खोले."

भविष्य की ओर देखते हुए, रिया और यशोदा का मानना ​​है कि हूवु फ्रेश भारत के पूजा बाज़ार में एक घरेलू नाम बन जाएगा. वे और अधिक उत्पाद लॉन्च करने और देश भर में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की योजना बना रही हैं, ताकि परंपरा की ताज़गी को आधुनिक युग में लाया जा सके.

English Summary: Success Story How Hoovu Fresh Revolutionized the Indian Pooja Flower Industry Published on: 20 August 2024, 12:14 PM IST

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