सलेम(तमिलनाडु) के रहने वाले आर. आदवन इन दिनों कलिहारी की खेती से अच्छा पैसा कमा रहे हैं. आज आदवन का घर साधनों से संपन्न है, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें खेती में भारी घाटा सहना पड़ रहा था. चलिए आपको बताते हैं कि किस तरह आदवन खेती से अपनी आय बढ़ाने में सफल रहे.
कलिहारी ने बदली किस्मत
आदवन बताते हैं कि आज से 15 साल पहले उन्होंने कलिहारी की खेती शुरू की थी.शुरू में उतना मुनाफा नहीं होता था, क्योंकि उन्हें मार्केट की पहचान नहीं थी. फिर उन्होंने अपने भाई के सलाह पर सीधे फार्मा कंपनियों से संपर्क किया.
दवाईयों में होता है सप्लाई
आज के समय में 6 से अधिक दवाई बनाने वाली कंपनियों को आदवन कलीहारी की सप्लाई करते हैं. इसमें मुख्य तौर पर एंटीहेलमैथिक और ऐंटीपेट्रिओटिक दवा बनाने वाली कंपनियों का नाम शामिल है.
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तमिलनाडु का क्षेत्र उत्तम
आदवन बताते हैं कि कलिहारी की खेती के लिए तमिलनाडु का क्षेत्र उत्तम है, इसलिए यहां के किसान अधिक आय बढ़ाने के लिए इसकी खेती कर सकते हैं. इसके अलावा दोमट रेतली मिट्टी वाले स्थानों पर भी इसकी खेती आसानी से हो सकती है. अगर मिट्टी का पीएच मान 5.5 -7 तक है, तो कलिहारी की खेती आपके लिए लाभदायक हो सकती है.
बरसात में करें बिजाई
आदवन के मुताबिक बरसात के समय इसकी बिजाई आसानी से हो सकती है. इसलिए मध्य जून से अगस्त तक का समय इसके लिए सबसे उपयुक्त है. इसको लगाना किसानों के लिए इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि फसल को बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती.
संयम से लें काम
युवा किसानों को संदेश देते हुए आदवन कहते हैं कि खेती संयम का काम है, इसलिए घाटा होने पर निराश होने की जरूरत नहीं है. कमियों को देखते हुए, दुबारा प्रयास करना चाहिए.
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